छत्तीसगड़

छत्तीसगढ़-गरियाबंद में महाविद्यालय की मांग का छात्रों ने चलाया हस्ताक्षर अभियान

गरियाबंद.

अमलीपदर हायर सेकेंडरी के छात्रों ने कॉलेज की मांग को लेकर ‘गांधी गिरी’ शुरू कर दी है. छात्रों का एक समूह ‘रघुपति राघव राजा राम’ भजन गाते हुए समर्थन जुटा रहा है. अब तक 700 लोगों से हस्ताक्षर करवा कर समर्थन प्राप्त कर चुके हैं, और उनका लक्ष्य 1,000 हस्ताक्षर जुटाने का है. एक हजार हस्ताक्षर पूरे होते ही छात्र कोलेक्टोरेट जाकर अपनी मांग को लेकर ज्ञापन देंगे.

छात्रों ने बताया कि वे तब तक अभियान जारी रखेंगे जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती. अभियान का नेतृत्व कर रहे छात्र अतुल ताम्रकार, शाहिल मिर्जा, और विशाल मिश्रा ने कहा कि स्थानीय क्षेत्र में प्रति वर्ष 300 से अधिक छात्र कॉलेज की पढ़ाई के लिए निकलते हैं, लेकिन महाविद्यालय की अनुपस्थिति के कारण उन्हें आगे की पढ़ाई में कठिनाई का सामना करना पड़ता है.

लंबे समय से हो रही है महाविद्यालय की मांग –
अमलीपदर में महाविद्यालय की मांग को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि भी लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं. क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण, बारिश के दौरान 50 गांव अक्सर टापू में तब्दील हो जाते हैं. भाजपा और कांग्रेस सरकारों ने अपने-अपने कार्यकाल में केवल आश्वासन दिए हैं, लेकिन महाविद्यालय की स्थापना अन्यत्र की गई है. जब स्थानीय जनप्रतिनिधियों की आवाज को अनसुना किया गया, तो छात्रों ने अब मोर्चा खोल दिया है. 16 अगस्त को छात्रों ने एक विशाल रैली निकालकर तहसीलदार योगेश सिंह ठाकुर को ज्ञापन सौंपा था. सुनवाई न होने पर उन्होंने गांधी गिरी की राह अपनाई.

पूर्व छात्रों का दर्द —
अमलीपदर निवासी त्रिभुवन ताम्रकार, मुकेश मांझी और बहरापारा निवासी रुकमन यादव ने 2021 के बाद 12वीं पास की, लेकिन दूरी के कारण वे आगे की पढ़ाई नहीं कर सके. 10 साल पहले 12वीं पास करने वाले अविनाश भोसले ने बताया कि उनकी उच्च शिक्षा की इच्छा थी, लेकिन कॉलेज की दूरी के कारण उन्हें प्राइवेट पढ़ाई करनी पड़ी. पूर्व छात्र और कांग्रेस नेता अनुराग वाघे ने छात्रों की गांधी गिरी का समर्थन करते हुए कहा कि महाविद्यालय की मांग को लेकर पूर्व में किए गए प्रयासों का कोई परिणाम नहीं निकला. तहसीलदार योगेश सिंह राजपूत ने बताया कि ज्ञापन को उच्च कार्यालय भेज दिया गया है. मांग के संबंध में जैसे ही कोई पत्राचार होगा, ज्ञापन दाताओं को सूचित किया जाएगा.

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