मध्यप्रदेश

मध्य प्रदेश के 35वें मुख्य सचिव होंगे अनुराग जैन, MP पब्लिक सर्विसेज डिलीवरी एक्ट लागू कराने में रहा अहम रोल

भोपाल
 मध्य प्रदेश की मुख्य सचिव वीर राणा सोमवार को सेवानिवृत्त हो गईं। उनके स्थान पर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी अनुराग जैन को मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है। वे प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव रह चुके हैं और वर्तमान में सचिव सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय हैं। जल्द ही विधिवत आदेश जारी होंगे।

प्रदेश में नए मुख्य सचिव को लेकर काफी दिनों से अटकलें लगाई जा रही थीं। इस पद के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा और अपर मुख्य सचिव गृह एसएन मिश्रा के नाम चर्चा में थे। अनुराग जैन को विधानसभा चुनाव के पहले भी प्रदेश का मुख्य सचिव बनाए जाने की चर्चाएं थीं लेकिन तब भारत सरकार से अनुमति नहीं मिली थी।

फिर प्रदेश की वरिष्ठ अधिकारी वीर राणा को प्रभारी मुख्य सचिव और फिर पूर्णकालिक मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था। लोकसभा चुनाव को देखते हुए मोहन सरकार ने उन्हें छह माह की सेवावृद्धि दिलाई, जिसकी अवधि 30 सितंबर 2024 को पूरी हो गई। पिछले दिनों दिल्ली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अनुराग जैन से मुलाकात की थी। इसके बाद उनका नाम भी प्रदेश के मुख्य सचिव पद के लिए चर्चा में आया था।

मंडला, मंदसौर और भोपाल में रहे थे कलेक्टर

जैन मंडला, मंदसौर और भोपाल में कलेक्टर रह चुके हैं। 2005 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सचिव थे। 2011 से 2015 तक प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव पद का दायित्व संभाला। विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश में वापसी हुई और वित्त विभाग की जिम्मेदारी संभाली। कमल नाथ सरकार में वर्ष 2020 में वे फिर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए थे। तब से वही पदस्थ हैं। जैन अगस्त 2025 में सेवा निवृत होंगे।

केंद्र में निभाई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां

अनुराग जैन 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। इन्हें प्रधानमंत्री की पसंद का अधिकारी माना जाता है। इसके पहले उन्हें केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा चुकी हैं। आईएएस अनुराग जैन वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में सचिव के पद पर हैं। इसके बाद अब वे वापस भोपाल लौटेंगे।

अनुराग जैन लंबे समय से केंद्र में रहे हैं। ऐसे में उनके मुख्य सचिव बनने से केंद्र और राज्य सरकार में अच्छा समन्वय हो सकेगा। मध्य प्रदेश की बात को वे केंद्र में अच्छे से रख पाएंगे। केंद्र सरकार में रहते हुए उन्होंने वे अलग-अलग मंत्रालयों के बीच समन्वय का कार्य भी कर चुके हैं।

आईआईटी खड़गपुर से किया है बीटेक

आईएएस अनुराग जैन ने 1986 में आईआईटी खड़गपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक ऑनर्स किया है। 1989 में वे आईएएस बने, इसके बाद उन्होंने अमेरिका के मैक्सवेल स्कूल से लोक प्रशासन में एमए किया था।
मोदी 3.0 में अहम मंत्रालय की कमान मिली थी 10 साल पहले पीएमओ में संयुक्त सचिव रहे अनुराग जैन को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में सबसे अहम मंत्रालय रोड, ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे की कमान दी गई है। जैन मप्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दो बार सचिव रह चुके हैं। वे भोपाल के कलेक्टर भी रहे हैं। जैन वित्त प्रबंधन के अच्छे जानकार माने जाते हैं।

यही वजह है कि 2019 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद कमलनाथ सरकार ने उन्हें वित्त विभाग की जिम्मेदारी सौंपी थी। लेकिन मई 2020 में वे फिर से प्रतिनियुक्ति पर केंद्र चले गए। अनुराग जैन ने दिसंबर 2013 से फरवरी 2014 तक भारतीय निर्यात-आयात बैंक के कार्यवाहक अध्यक्ष और कार्यवाहक प्रबंध निदेशक के रूप में भी काम किया है।

अनुराग जैन की मध्यप्रदेश में पब्लिक सर्विसेज डिलीवरी एक्ट को लागू कराने में अहम भूमिका रही है। पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान में भी उनका अहम रोल रहा।

दिल्ली से आया अनुराग जैन को सीएस बनाने का मैसेज- सूत्र सूत्रों की माने तो जब मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भोपाल से झारखंड के लिए रवाना हुए तब तक दिल्ली से किसी भी तरह कोई मैसेज नहीं पहुंचा था। इसलिए यह माना जा रहा था कि डॉ राजेश राजौरा ही प्रदेश के अगले मुख्य सचिव बनाए जाएंगे। सीएम के रवाना होने के बाद दिल्ली से यह संदेश पहुंचा कि अनुराग जैन को मुख्य सचिव बनाया जाए।

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