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दिग्गज रेटिंग एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के GDP ग्रोथ अनुमान को बढ़ाकर 6.7% किया

नई दिल्ली
 भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। अब इसका लोहा रेटिंग एजेंसियां भी मान रही हैं। नए साल में भारत के लिए अब एक और अच्छी खबर आई है। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि अनुमान को 6.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.7 फीसदी कर दिया है। एजेंसी ने इसके लिए मजबूत अर्थव्यवस्था, लगातार हो रहे विकास और एक नए निजी कॉरपोरेट कैपिटल एक्सपेंडिचर की संभावना का हवाला दिया है। रेटिंग एजेंसी ने वृद्धि अनुमान को प्रभावित करने वाले जोखिमों के रूप में ग्लोबल लेवल पर अस्थिर स्थिति के अलावा, कमजोर वैश्विक वृद्धि और कारोबार को चिह्नित किया है।

दूसरी तिमाही में इतनी रही जीडीपी

इंडिया रेटिंग्स के प्रमुख अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने कहा, "ये सभी जोखिम चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि को 6.7 फीसदी तक सीमित रखेंगे। चालू वित्त वर्ष की पहली और दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि सालाना 7.8 प्रतिशत और 7.6 प्रतिशत रही है। इसके चालू वित्त वर्ष की शेष दो तिमाहियों में धीमी होने की संभावना है।"

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को भी शेष दो तिमाहियों में जीडीपी वृद्धि कुछ सुस्त पड़ने की आशंका है। केंद्रीय बैंक ने संभावना जताई है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत पर रहेगी

रेटिंग एजेंसी ने कही ये बात

पिछले वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही थी। इंडिया रेटिंग्स ने बयान में कहा कि उसने चालू वित्त वर्ष के लिए देश के जीडीपी वृद्धि अनुमान को पूर्ववर्ती 6.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है। इसके पीछे भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती, निरंतर सरकारी पूंजीगत व्यय, कॉरपोरेट्स/बैंकिंग क्षेत्र में घटता कर्ज, एक नए निजी कॉरपोरेट पूंजीगत व्यय चक्र की संभावना और शेष विश्व से धन प्रेषण के साथ व्यापार और सॉफ्टवेयर सेवाओं के निर्यात में निरंतर गति बनी रहने जैसे कई कारक हैं।

इंडिया रेटिंग्स ने कहा कि उपभोक्ता मांग व्यापक आधार वाली नहीं है। उपभोग वृद्धि के लिए वेतन वृद्धि महत्वपूर्ण है। इंडिया रेटिंग्स की गणना से पता चलता है कि वास्तविक मजदूरी में एक प्रतिशत की वृद्धि से वास्तविक निजी अंतिम उपभोग व्यय (पीएफसीई) में 1.12 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है और इसके गुणक प्रभाव से सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि में 0.64 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।

रेटिंग एजेंसियों ने माना भारत का लोहा
भारत के लिए साल 2023 खासा अच्छा साबित हुआ है. इंडियन इकोनॉमी ने तेज रफ्तार के साथ दुनिया में पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का तमगा हासिल किया और इसके बाद ये तेजी से आगे बढ़ रहा है. वर्ल्ड बैंक (World Bank) हो, आईएमएफ (IMF) हो या फिर इंडिया रेटिंग्स (India Ratings) सभी ने भारतीय अर्थव्यवस्था का लोहा माना है. बुधवार को जारी अपनी रिपोर्ट में इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च की ओर से कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि के अनुमान को 6.2 प्रतिशत से 0.5 फीसदी तक बढ़ाकर 6.7 फीसदी कर दिया गया है.

अनुमान बढ़ाने के पीछे ये बड़े कारण
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इंडिया रेटिंग्स ने भारत के लिए अपने जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को ऐसे ही नहीं बढ़ाया है, बल्कि कई कारकों का अध्ययन करने बाद इसे संशोधित किया गया है. इसमें बताया गया है कि एजेंसी ने इसके लिए मजबूत इकोनॉमी, लगातार जारी विकास और नए प्राइवेट कॉरपोरेट कैपिटल एक्सपेंडिचर की संभावना को ध्यान में रखते हुए GDP Growth अनुमान को बढ़ाया है.

हालांकि, अपनी रिपोर्ट में एजेंसी ने कुछ जोखिमों का भी जिक्र किया है, जिनमें वैश्विक स्तर पर अस्थिर हालात, धीमी ग्लोबल ग्रोथ का हवाला दिया गया है. India Ratings के चीफ इकोनॉमिस्ट सुनील कुमार सिन्हा के मुताबिक, ये जोखिम चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि को 6.7 फीसदी तक सीमित रखेंगे.

बीती दो तिमाहियों में शानदार रही ग्रोथ
चालू वित्त वर्ष की बीते दो तिमाहियां भारत के लिए शानदार रही हैं और पहली व दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि सालाना क्रमश: 7.8 फीसदी और 7.6 फीसदी दर्ज की गई है. हालांकि, इसकी तुलना में आने वाली दो तिमाहियों में इसकी रफ्तार थोड़ी धीमी रहेगी. भारतीय रिर्ज बैंक (RBI) ने भी अपने अनुमान में कुछ इसी तरह का अनुमान लगाया है.   

रिजर्व बैंक ने जताया है ये अनुमान
बीते वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की आर्थिक वृद्ध दर 7.2 फीसदी रही थी. वहीं चालू वित्त वर्ष के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने अनुमान को घटाया है. RBI का कहना है कि इस फाइनेंशियल ईयर India GDP Growth 7 फीसदी रहने का अनुमान है. इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने ये भी इंडिया रेटिंग्स की तरह ही आने वाली दो तिमाहियों में जीडीपी ग्रोथ कुछ धीमी रहने का आशंका व्यक्त की है.

India Ratings ने जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में संशोधन करने के साथ ही महंगाई दर को लेकर भी अपनी रिपोर्ट में जिक्र किया है. रेटिंग एजेंसी ने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा है कि FY24 में औसत खुदरा महंगाई (Retail Inflation) और थोक मुद्रास्फीति (WPI) क्रमशः 5.3 फीसदी और 0.6 फीसदी पर आ जाएगी.

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