बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष फारूक अहमद ने स्पष्ट कर दिया, शाकिब की सुरक्षा बोर्ड के हाथ में नहीं
ढाका
बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) के अध्यक्ष फारूक अहमद ने स्पष्ट कर दिया है कि दिग्गज हरफनमौला शाकिब अल हसन के खिलाफ देश में चल रहे मामलों के कारण बोर्ड उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा का भरोसा नहीं दे सकता है। सैंतीस साल के शाकिब ने टी20 अंतरराष्ट्रीय से तत्काल प्रभाव से संन्यास की घोषणा और कहा कि अगर स्वदेश लौटने पर उन्हें सुरक्षा का आश्वासन दिया जाता है तो वह अक्टूबर में घरेलू मैदान पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना विदाई टेस्ट मैच खेलना चाहेंगे।
बांग्लादेश की समाचार पत्रों के मुताबिक फारूक ने कहा, ‘‘शाकिब की सुरक्षा बोर्ड के हाथ में नहीं है। बोर्ड किसी व्यक्ति को व्यक्तिगत सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकता। उस (स्वदेश लौटने) पर फैसला उन्हें ही लेना है। उनकी सुरक्षा सरकार के उच्चतम स्तर से होनी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बीसीबी पुलिस या ‘आरएबी (रैपिड एक्शन बटालियन)’ जैसी सुरक्षा एजेंसी नहीं है। हमने उनके बारे में (सरकार में) किसी से बात नहीं की है। उनका मामला अदालत में विचाराधीन है, इसलिए हम वास्तव में इसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं कर सकते हैं।’’
शाकिब को बांग्लादेश में राजनीतिक अशांति के दौरान हत्या के एक मामले में आरोपी के रूप में नामित किया गया था। राजनीतिक अशांति के कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद से हटना पड़ा था। शाकिब उनकी पार्टी अवामी लीग से संसद सदस्य थे।
शाकिब ने गुरुवार को कहा था कि अगर उनका घरेलू बोर्ड उनके लिए स्वदेश में विदाई मैच का आयोजन नहीं करता है तो फिर भारत के खिलाफ यहां होने वाला दूसरा मैच उनका अंतिम टेस्ट होगा।
इस बात की संभावना है कि वह पाकिस्तान की मेजबानी में होने वाले चैम्पियंस ट्रॉफी में टीम का प्रतिनिधित्व करें। फारूक कहा, ‘‘वह अगर घरेलू मैदान पर अपना आखिरी मैच खेले तो इससे अच्छा कुछ नहीं होगा। शाकिब मुश्किल समय का सामना कर रहे हैं। मैंने उनसे संन्यास के बारे में बात नहीं की है। वह अगर मानते हैं कि यह संन्यास का सही समय है तो मैं उनके फैसले का सम्मान करता हूं।’’