8 महीनों में 400 लोगों को फांसी, महिलाओं की स्वतंत्रता का छीनी , भारत को नसीहत देने दिखाया आइना
नई दिल्ली
भारत ने ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है और दो टूक कहा है कि दूसरों पर उंगली उठाने से पहले ईरान को अपने गिरेबान में झांक लेना चाहिए। विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक सख्त बयान में कहा गया है, "हम ईरान के सर्वोच्च नेता द्वारा भारत में अल्पसंख्यकों के बारे में की गई टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हैं। ये गलत सूचना पर आधारित और अस्वीकार्य हैं। अल्पसंख्यकों पर टिप्पणी करने वाले देशों को सलाह है कि वे दूसरों के बारे में कोई भी टिप्पणी करने से पहले अपना रिकॉर्ड देख लें।"
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई ने ईद मिलादुन्नबी के मौके पर एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "अगर हम म्यांमार, गाजा, भारत या किसी अन्य स्थान पर किसी मुस्लिम को होने वाली पीड़ा से बेखबर हैं, तो हमें खुद को मुसलमान नहीं मानना चाहिए।" खामेनेई ने कहा है कि भारत में मुसलमानों का उत्पीड़न हो रहा है। पैगंबर मोहम्मद की जयंती पर सोमवार को उन्होंने यह बात कही और दुनिया भर के मुसलमानों के बीच एकजुटता की जरूरत बताई।
बड़ी बात ये है कि खामनेई ने भारत की तुलना गाजा और म्यांमार से की है और उसी के साथ एक लाइन में खड़ा कर दिया है। खामेनेई ने यह टिप्पणी तब की है जब उनका देश खुद सुन्नी मुस्लिम और जातीय अल्पसंख्यकों के दमन के लिए दुनिया भर में बदनाम है और लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचनाओं का सामना करता रहा है।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब ईरान के सुप्रीम लीडर ने भारत के मुसलमानों के बारे में टिप्पणी की है। साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भी उन्होंने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी और कहा था कि कश्मीर में मुसलमानों की स्थिति चिंताजनक है। खामेनेई ने तब कहा था कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कश्मीर में उठाए गए इस कदम से मुसलमानों में डर बना हुआ है।