नर्मदापुरम में तवा डैम के 9 गेट, बरगी बांध के 17, हलाली डैम के 5 और मड़ीखेड़ा डैम के 4 गेट खोले गए
भोपाल
राजधानी में बुधवार की सुबह भी झमाझम बरसात से हुई। इससे पहले मंगलवार की सुबह और शाम को भोपाल में तेज बारिश हुई और आसमान बादलों से ढक गया। बारिश के कारण शहर की प्रमुख सड़कों पर पीक ऑवर्स के दौरान यातायात भी बाधित हुआ।
क्या कह रहा मौसम विभाग
मौसम विभाग के अनुसार, बारिश का दौर जारी रहेगा और राज्य के कई स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी भी दी गई है। मौसम विभाग ने कहा कि उत्तरी छत्तीसगढ़ और उससे सटे ओडिशा पर बना कम दबाव का क्षेत्र पश्चिम दिशा में आगे बढ़ गया है। इसके उत्तरी छत्तीसगढ़ में पश्चिम की ओर बढ़ने और छत्तीसगढ़ और उससे सटे हिस्सों पर कम दबाव के क्षेत्र में कमजोर पड़ने की संभावना है।
मध्यप्रदेश के 30 से ज्यादा जिलों में पिछले 24 घंटे से कहीं तेज, कहीं धीमी बारिश हो रही है। दमोह में बीते 24 घंटे में साढ़े आठ इंच पानी गिर गया। जबलपुर में करीब 8 इंच और सिवनी में साढ़े 7 इंच बारिश हो चुकी है। वहीं, भोपाल में 2.4 इंच पानी बरसा है।
नर्मदापुरम में तवा डैम के 13 में से 9 गेट, बरगी बांध के 21 में से 17, हलाली डैम के 5 और मड़ीखेड़ा डैम के 4 गेट खोले गए हैं। दमोह में घरों में पानी भर गया। टीकमगढ़ और शिवपुरी में भी सड़कें डूब चुकी हैं। विदिशा में कई रास्ते बंद हैं।
मौसम विभाग ने बुधवार को भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, नर्मदापुरम, हरदा, गुना और अशोकनगर में अति भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर में भी तेज पानी गिरने का अनुमान है।
इससे पहले मंगलवार को भोपाल, इंदौर, सिवनी, बालाघाट समेत 21 जिलों में तेज बारिश हुई। बालाघाट, मंडला-सिवनी जिलों में लोग बाढ़ में फंस गए। नौबत रेस्क्यू की बन आई। सिवनी में आज 12th क्लास तक सभी स्कूलों की छुट्टी है।
भोपाल में पिछले 24 घंटे में 2.4 इंच बारिश
भोपाल में तेज बारिश के कारण बुधवार को कलियासोत डैम के दो, कोलार डैम के दो जबकि भदभदा और केरवा डैम का एक-एक गेट खोला गया है। यहां पिछले 24 घंटे में ढाई इंच बारिश हो चुकी है। बता दें कि इस सीजन में भदभदा के 8 बार, केरवा के 5 बार, कोलार के 6 बार और कलियासोत के 10 बार गेट खोले जा चुके हैं। सबसे पहले कोलार डैम के जुलाई में 8 में से 4 गेट खुले थे। भदभदा, कलियासोत और केरवा के गेट अगस्त में गेट खोले गए।
गुना और उमरिया से गुजर रहा मानसून
मानसून राज्य के गुना और उमरिया से गुजर रहा है। दक्षिण गुजरात पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र सक्रिय है। दक्षिण गुजरात से केरल तट तक अपतटीय क्षेत्र फैला हुआ है। मौसम विभाग ने कहा कि राज्य के विभिन्न स्थानों पर भारी से मध्यम बारिश देखी जाएगी।
30 डिग्री हुआ भोपाल का तापमान
मंगलवार को भोपाल में दिन का तापमान 30.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य अंक के बराबर था, जबकि शहर में रात का तापमान 23.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य अंक से एक डिग्री अधिक था। सुबह 8.30 बजे से शाम 5.30 बजे के बीच भोपाल में 6 मिमी बारिश दर्ज की गई।
भोपाल के लिए IMD का अलर्ट
बुधवार को भोपाल के लिए मौसम विभाग ने पूर्वानुमान में कहा कि मध्यम से भारी वर्षा के साथ बादल छाए रहेंगे। दिन और रात का तापमान क्रमशः 32 डिग्री सेल्सियस और 24 डिग्री सेल्सियस रहेगा जबकि औसत हवा की गति बारह किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी।
इन जिलों में भी जारी हुए अलर्ट
राज्य के लिए मौसम विभाग ने पूर्वानुमान में रायसेन, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, दमोह, सागर और पांढुर्ना जिलों के लिए गरज, बिजली और अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी जारी की। भोपाल, विदिशा, सीहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, खंडवा, खरगोन, झाबुआ, धार, गुना, अशोक नगर, शिवपुरी, श्योपुरकलां, सतना, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी और मैहर जिलों के लिए गरज, बिजली और बहुत भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई।
हर तरफ मेघ मेहरबान
मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार को पश्चिमी मप्र के कुछ इलाकों में भारी से अतिभारी वर्षा हो सकती है। वहीं पूर्वी मप्र में भी भारी वर्षा होने के आसार हैं।
इन जिलों में रेड अलर्ट
बुधवार को सागर, जबलपुर, दमोह, कटनी, रायसेन, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला और बालाघाट जिलों में अतिभारी बारिश की चेतावती देते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में अगले चौबीस घंटों में 12 से 20 सेमी तक वर्षा हो सकती है।
ऑरेन्ज अलर्ट वाले जिले
इसके अलावा झाबुआ, धार, खरगोन, खंडवा, हरदा, बैतूल, नर्मदापुरम, सीहोर, भोपाल, विदिशा, रायसेन, गुना, शिवपुरी, अशोकनगर, श्योपुरकलां, निवाड़ी, टीकमगढ़, पन्ना, सतना, उमरिया, शहडोल, डिंडौरी व अनूपपुर में भी गरज-चमक के साथ तेज बौछारे पड़ने की संभावना जताई है।
ये वेदर सिस्टम सक्रिय
मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश और उसके आसपास के इलाकों में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इससे जुड़ा चक्रवाती परिसंचरण मध्य क्षोभमंडल स्तर तक फैला हुआ है। अगले 12 घंटों के दौरान इसके इसी क्षेत्र में गहरे अबदाव में तब्दील होने की संभावना है।
मानसून द्रोणिका अब बीकानेर, कोटा, गुना, पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश और उसके आसपास के इलाकों में बने कम दबाव के क्षेत्र के केंद्र से होकर अंबिकापुर, जमशेदपुर, दीघा से होते हुए दक्षिण-पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी के मध्य तक फैली हुई है। दक्षिण गुजरात से मध्य केरल तट तक समुद्र तल पर अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है। दक्षिण गुजरात के ऊपर चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है।