राजनीति

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बने INDIA अलायंस में करीब 30 दल शामिल हैं, समय पर बांटीं सीटें तो 2024 में देगा टाइट फाइट

नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बने INDIA अलायंस में करीब 30 दल शामिल हैं और जम्मू-कश्मीर से लेकर केरल तक की पार्टियों की एकजुटता का दम भरा जा रहा है। गठबंधन की अब तक पटना, मुंबई, बेंगलुरु और दिल्ली में 4 मीटिंगें हो चुकी हैं। इन बैठकों में हर बार दिग्गज नेता शामिल रहते हैं, लेकिन अब तक सीट शेयरिंग को लेकर कोई समझौता नहीं हो सका है। कहीं वामपंथी दल कांग्रेस को दूसरे राज्यों में मेहनत की नसीहत दे रहे हैं तो कहीं अखिलेश और ममता बनर्जी जैसे क्षेत्रीय नेताओं के तेवर पार्टी झेल रही है। वहीं भाजपा टिकट बंटवारे के लिए मंथन कर रही है।

चर्चा है कि पार्टी जनवरी के आखिरी सप्ताह से उम्मीदवार तय करना शुरू कर देगी ताकि समय रहते कैंपेन शुरू हो जाए। ऐसी स्थिति में INDIA गठबंधन के आगे भी चुनौती होगी कि वह अपनी तैयारी पुख्ता करे। कांग्रेस को हाल ही में तीन हिंदी भाषी राज्यों में करारी हार झेलनी पड़ी थी, लेकिन इसके बाद भी INDIA अलायंस कुछ राज्यों में यदि समय रहते सीटें बांट ले तो उसके लिए राह आसान हो सकती है। यही नहीं NDA को वह टाइट फाइट देने की स्थिति में भी आ सकता है। ये राज्य हैं- कर्नाटक, महाराष्ट्र, बिहार, बंगाल, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल।

7 राज्यों में 234 सीटें और भाजपा यहां मुश्किल में
इन राज्यों में कुल 234 सीटें हैं। यहां भाजपा अकेले बहुत मजबूत स्थिति में नहीं है और 2019 में उसने महाराष्ट्र और बिहार में गठबंधन रहते हुए बड़ी जीत हासिल की थी। यूपी के बाद सबसे ज्यादा 48 सीटों वाले महाराष्ट्र में शिवसेना अब भाजपा से अलग है और दो खेमों में बंट चुकी है। यदि उद्धव ठाकरे गुट को जनता का समर्थन मिला तो भाजपा के लिए मुश्किल होगी। वहीं बिहार में आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस का महागठबंधन 2015 के विधानसभा चुनाव जैसी ही चुनौती पेश कर सकता है। बंगाल में तो टीएमसी अपने दम पर ही मजबूत है और उसे वामदल और कांग्रेस का भी समर्थन मिला तो भाजपा के लिए मुश्किल स्थिति होगी।

दक्षिण भारत में भाजपा के लिए ज्यादा कठिन चुनौती
वहीं तमिलनाडु, केरल और तेलंगाना जैसे दक्षिण भारत के राज्यों में भी भाजपा की स्थिति काफी कमजोर है। कर्नाटक में तो कांग्रेस विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर ही चुकी है। यहां जेडीएस और भाजपा एक पाले में है। इसलिए कांग्रेस यदि पहले ही उम्मीदवार तय कर ले तो उसे बढ़त मिल सकती है। कर्नाटक में 28 सीटें और तमिलनाडु में 39 हैं। इसके अलावा केरल में 20, बंगाल में 42 और बिहार में 40 सीटें हैं।

 

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