राजस्थान-चित्तौड़गढ़ में बिना रॉयल्टी के बजरी डंपर ले जाने पर विवाद
चित्तौड़गढ़.
जिले में अवैध तरीके से बजरी परिवहन करने वालों के हौसले लगातार बुलंद होते जा रहे हैं। शिकायतों के बावजूद इनके खिलाफ कोई पुख्ता कार्रवाई भी नहीं हो रही है। आज भी ऐसा ही एक वाकया देखने को मिला जब बिना रॉयल्टी चुकाए अवैध रूप से डंपर ले जाने से रोकने के प्रयास में रॉयल्टी कर्मियों को मुंह की खानी पड़ी। अवैध रूप से बजरी परिवहन करने वालों ने इनकी स्कॉर्पियो में आग लगा दी।
मामले की जानकारी मिलने के बाद कपासन थाना पुलिस एवं डिप्टी ने मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी ली और स्कॉर्पियो मालिक को मौके पर बुलाया। बहरहाल मामले में प्रार्थी के रिपोर्ट देने का इंतजार किया जा रहा है। कपासन थानाधिकारी रतनसिंह ने बताया कि जिले में हाल ही में अवैध बजरी परिवहन की रोकथाम के लिए रॉयल्टी के नाके लगाए गए हैं ताकि बिना रॉयल्टी दिए जाने वालों को रोका जा सके। आज भी राशमी क्षेत्र से बिना रॉयल्टी चुकाए दो डंपर बजरी भरकर निकले थे, जो कपासन थाना क्षेत्र में पहुंचे। एक स्कॉर्पियो में रॉयल्टी ठेकाकर्मी इनका पीछा कर रहे थे। स्टेशन की पांडोली गांव में दोनों ही पक्ष के बीच गहमागहमी हो गई। ऐसे में डंपर चालक बजरी को एक स्कूल के पास खाली करके भाग गए। रॉयल्टी कर्मियों की स्कॉर्पियो पांडोली गांव से गुजरते हुए एक नाली में फंस गई। अवैध रूप से बजरी ले जाने वालों की संख्या ज्यादा थी, ऐसे में ठेकाकर्मी के दो-तीन कर्मचारी मौके से स्कॉर्पियो छोड़कर भाग छूटे। इसके बाद अवैध रूप से बजरी परिवहन करने वालों ने स्कॉर्पियो में आग लगा दी। ग्रामीण ने जब लोगों को जलाकर भागते देखा तो तत्काल पुलिस को सूचना दी। इस पर कपासन डिप्टी अनिल सारण और सीआई रतनसिंह मय जाप्ते के मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली।
पुलिस जांच में पता चला है कि हड़बड़ाहट में भगाने के दौरान अवैध रूप से बजरी परिवहन करने वालों का वाहन भी गांव के निकट ही दुर्घटना का शिकार हो गया। पुलिस ने उसे भी जब्त कर लिया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। जिस स्कॉर्पियो में आग लगी थी वह नारेला निवासी कुलदीप सिंह के नाम पर है, इसे कपासन थाने बुलाया गया तो उसने रॉयल्टी ठेकेदार के यहां किराए पर स्कॉर्पियो लगाने की बात कही।