मध्यप्रदेश

शाजापुर कलेक्टर बनी टीचर बच्चों को दिया मार्गदर्शन, किताबें भी पढ़वाई

 शाजापुर

शैक्षणिक स्तर के आंकलन हेतु शाजापुर कलेक्टर ऋजु बाफना ने ग्राम झोंकर और बेरछा के सरकारी स्कूलों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कक्षा तीसरी के विद्यार्थियों से पाठ्यपुस्तक पढ़वाई और गणित के जोड़-घटाव करवा कर एफएलएन (फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमेरसी) गतिविधियों के तहत दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता की परख की। विद्यार्थियों ने पुस्तक पढ़ने और जोड़-घटाव में अच्छा प्रदर्शन किया, जिससे कलेक्टर ने संतोष व्यक्त किया। उन्होंने शिक्षिका को शिक्षा की गुणवत्ता में और सुधार लाने के निर्देश दिए।

कलेक्टर के निरीक्षण के दौरान विद्यार्थियों में उत्साह देखा गया, और उन्होंने कलेक्टर से अपनी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया। इसके अलावा, कलेक्टर बाफना ने ग्राम झोंकर में बने 'किताब घर जंक्शन' (लायब्रेरी) का भी निरीक्षण किया और सरपंच पारीबाई वसुनिया को लायब्रेरी के लिए किताबें दान कराने की सलाह दी। कलेक्टर ने बताया कि ये लायब्रेरीज़ ग्रामीण युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मददगार साबित होंगी।

बेरछा में लैब का निरीक्षण
कलेक्टर बाफना ने ग्राम बेरछा के हायर सेकेंडरी स्कूल में आईसीटी लैब का भी निरीक्षण किया। उन्होंने विद्यार्थियों के अध्ययन की जानकारी ली और विद्यालय के जिम्मेदारों से लैब में उपलब्ध संसाधनों और उपकरणों के बारे में चर्चा की। इस निरीक्षण के दौरान जिला शिक्षा केंद्र प्रभारी राजेंद्र शिप्रे और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

आर्थिक गतिविधियों में सक्रियता बढ़ाने के निर्देश
ग्राम झोंकर में कलेक्टर बाफना ने सीएलएफ और स्वसहायता समूहों की महिला सदस्यों से भी चर्चा की। उन्होंने महिलाओं को आर्थिक गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाने, मशीनों का चयन सोच-समझकर करने और उसके बाद ही उन्हें खरीदने का सुझाव दिया। कलेक्टर ने महिलाओं द्वारा संचालित गतिविधियों का अवलोकन किया और उन्हें काम शुरू करने से पहले एक्सपोजर विजिट करने की सलाह दी ताकि वे काम को अच्छी तरह समझ सकें। इसके अलावा, उन्होंने बैंक सखियों की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए। महिला सदस्यों ने बताया कि वे खजूर के पत्तों से झाड़ू और अन्य सामग्रियां तैयार करती हैं, जिन्हें वे महाराष्ट्र और अन्य स्थानों पर विक्रय के लिए भेजती हैं। कुछ महिलाएं रेडीमेड गारमेंट उद्योग के वस्त्र सिलाई करती हैं और कुछ लाख की चूड़ियां भी बनाती हैं।

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