इंदौर का एयरपोर्ट अब हाईटेक होने जा रहा है, अब यात्रियों को चेहरा दिखाओ एंट्री पाओ …
इंदौर
इंदौर के एयरपोर्ट पर डीजी यात्रा सेवा का ट्रायल शुरू हो गया है। इससे यात्रियों को बार बार अलग अलग गेट पर टिकट, दस्तावेज दिखाने के झंझट से मुक्ती मिल रही है। कम्यूटरीकृत मशीने चेहरा स्कैन कर खुद एंट्री आसान कर देगी। ट्रायल के दौरान प्रतिदिन करीब 500 यात्री इस सेवा का लाभ उठा कर टर्मिनल में प्रवेश कर रहे है।
अगले महीने इस सुविधा की अधिकृत शुरुआत हो सकती है। इस तहर की सुविधा शुरू करने वाला इंदौर का पहला एयरपोर्ट होगा। अभी तक प्रदेश के दूसरेे एयरपोर्ट पर यह सुविधा नहीं है।
इस सेवा के लिए आधुनिक मशीन तीन माह पहले एयरपोर्ट पर इंस्टाॅल हो चुकी थी, लेकिन उसे आपरेट करने के लिए दक्ष कर्मचारियों की जरुरत थी। अब उसकी भी व्यवस्था हो गई हैै। इंदौर एयरपोर्ट पर प्रतिदिन चार से छह हजार यात्री रोज आते है। फिलहाल नई सुविधा के माध्यम से पांच सौ यात्रियों को एंट्री दी जा रही है। भविष्य में यह सुविधा सभी यात्रियों के लिए रहेगी।
समय कम लगेगा
यात्रियों को एयरपोर्ट पर लगेज के साथ पहचान पत्र, टिकट सहित अन्य दस्तावेज बार-बार अलग अगल एंट्री गेट पर बताना होते हैै। इसमे समय भी लगता हैै। नई तकनीक फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी (एफआरटी) पर आधारित है, जिसके माध्यम से एयरपोर्ट पर विभिन्न जांच स्थलों पर यात्री की उसके चेहरे से ही पहचान कर उसे प्रवेश दिया जाता है।
यात्री गूगल प्ले स्टोर या आईओएस एप स्टोर से डिजी यात्रा एप डाउनलोड कर उसमें जानकारी फीड पर आईडी प्राप्त कर सकते है। जिसे टिकट बुक करने समय देना होगा। एयरलाइन कंपनी यात्री का नाम, डेटा एयरपोर्ट प्रबंधन के साथ शेयर कर देगी। इससे यात्रियों को दस्तावेज दिखाने से मुक्ती मिल जाएगी। जो यात्री लगातार विमान में यात्रा करते है। उनके लिए यह सुविधा ज्यादा फायदेमंद हैै।
यात्रियों के समय की होगी बचत
एयरपोर्ट पर पहुंचने वाले यात्रियों को टर्मिनल में प्रवेश से लेकर बोर्डिंग तक कई स्थानों पर दस्तावेज दिखाने पढ़ते हैं। अब डिजी यात्रा की शुरुआत होने से कागजात दिखाने की जरूरत नहीं होगी। डिजी यात्रा का गेट भी अलग रहेगा।
यात्री कम समय में बोर्डिंग कर सकेंगे। डिजी यात्रा की तकनीक फेशियल रिकाग्निशन टेक्नोलाजी (एफआरटी) से काम करती है और मशीनों द्वारा चेहरे की पहचान कर प्रवेश दिया जाता है।
ऐसे काम करेगा ऐप
गूगल प्ले स्टोर या आईओएस ऐप स्टोर से डिजी यात्रा ऐप डाउनलोड करना होगा। ऐप इंस्टाल के बाद यात्री का नाम, ईमेल पता, मोबाइल नंबर और पहचान दस्तावेज (आधार, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आइडी, पासपोर्ट) आदि का विवरण साझा करना होगा।
यह जानकारी दर्ज करने के बाद डिजी यात्रा आईडी बन जाएगी। यात्रियों को टिकट बुक करते समय इसे साझा करना होगा। एयरलाइंस कंपनियां आईडी और यात्री का डाटा एयरपोर्ट से साझा कर देंगी। एयरपोर्ट पर चेहरा स्कैन करने पर प्रवेश मिल जाएगा।
दिल्ली-मुंबई रूट पर सर्वाधिक उड़ानें
इंदौर एयरपोर्ट से दस राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों के लिए नियमित उड़ानें संचालित हो रही हैं। इनमें इंदौर से दिल्ली और मुंबई रूट पर सर्वाधिक उड़ानें संचालित होती हैं। इंदौर से दिल्ली रूट पर सबसे अधिक 19 उड़ानें संचालित की जा रही हैं, जबकि मुंबई रूट पर 12 उड़ानों का संचालन किया जाता है।
अहमदाबाद, जयपुर, बेंगलुरु और हैदराबाद रूट पर पांच-पांच उड़ानें संचालित हो रही हैं। रायपुर के लिए चार और चंडीगढ़ के लिए तीन उड़ानें हैं। मध्य प्रदेश में वर्तमान में सिर्फ जबलपुर के लिए इंदौर से उड़ान संचालित होती है।
तीन जगह लगाई मशीनें
एयरपोर्ट पर तीन जगह कंप्यूटरीकृत मशीनें लगाई गई हैं। यह मशीनें मेन गेट, सुरक्षा जांच एरिया और बोर्डिंग वाले स्थान पर इंस्टाल की गई हैं। प्रत्येक स्थान पर दो-दो मशीनें इंस्टाल की गई हैं।