मध्यप्रदेश

प्रदेश में विभाग आवंटन के बाद सभी मंत्री लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए अपनी कार्ययोजना बनाएंगे, अगले सप्ताह से शुरू होगा बैठकों का सिलसिला

भोपाल
प्रदेश में विभाग आवंटन के बाद सभी मंत्री लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए अपनी कार्ययोजना बनाएंगे। इसमें उन कार्यों को प्राथमिकता में लिया जाएगा, जिनमें अतिरिक्त वित्तीय संसाधन नहीं लगने हैं और फरवरी तक प्रारंभ किए जा सकते हैं। विभागों ने इसकी प्रारंभिक तैयारी कर ली है, जिसे मुख्यमंत्री के साथ अगले सप्ताह प्रस्तावित मंत्रियों की बैठक में अंतिम रूप दिया जा सकता है। विभागीय बैठकों का सिलसिला अगले सप्ताह से प्रारंभ हो जाएगा।

अप्रैल से जुलाई 2024 तक के लिए बजट
बता दें कि मुख्यमंत्री ने काम संभालने के बाद अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और विभागाध्यक्षों के साथ बैठक की थी। इसमें सभी को संकल्प पत्र की प्रति सौंपकर कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए गए थे। विभाग आवंटन के बाद मंत्रियों की पहली प्राथमिकता द्वितीय अनुपूरक बजट और लेखानुदान में विभागीय योजनाओं के लिए राशि आवंटित कराने की होगी। लोकसभा चुनाव के कारण सरकार ने वर्ष 2024-25 के बजट के स्थान पर लेखानुदान लाने का निर्णय किया है, जो एक लाख करोड़ रुपये से कम का होगा। इसमें अप्रैल से जुलाई 2024 तक के लिए विभागों को बजट आवंटित किया जाएगा।

सभी मुख्यमंत्रियों के पास शुरुआती दौर में रहा गृह विभाग
प्रदेश में उमा भारती हों या फिर शिवराज सिंह चौहान, सभी ने शुरुआती दौर में गृह विभाग अपने पास ही रखा, मगर कुछ माह के बाद इस विभाग को उन्होंने दूसरे मंत्री को आवंटित कर दिया। 2003 में मुख्यमंत्री बनी उमा भारती ने गृह सहित नौ विभाग अपने पास रखे थे। जुलाई 2004 में बाबूलाल गौर को गृह मंत्री बना दिया गया। जून 2005 में बतौर मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर और दिसंबर 2005 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी गृह अपने पास रखा, लेकिन कुछ ही दिनों बाद उन्होंने गृह विभाग नागेंद्र सिंह को दे दिया। अब मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने गृह विभाग अपने पास रखा है।

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