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केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने केरल स्थित जयहिंद चैनल को नोटिस जारी किया, साथ ही डीके शिवकुमार द्वारा चैनल में किए गए निवेश का विवरण भी मांगा

नई दिल्ली
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने केरल स्थित जयहिंद चैनल को नोटिस जारी किया है। साथ ही कांग्रेस नेता के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार द्वारा चैनल में किए गए निवेश का विवरण भी मांगा है।अधिकारियों ने रविवार को इसकी जानकारी दी। सीबीआई की बेंगलुरु इकाई शिवकुमार के खिलाफ मामले की जांच कर रही है। बता दें कि एजेंसी ने जयहिंद कम्युनिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को जांच अधिकारी द्वारा मांगे गए सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ 11 जनवरी, 2024 को उसके सामने पेश होने के लिए कहा था।

धारा 91 के तहत जारी किया गया नोटिस
सीआरपीसी की धारा 91 के तहत जारी अपने नोटिस में, एजेंसी ने चैनल से शिवकुमार और उनकी पत्नी उषा शिवकुमार द्वारा किए गए निवेश का विवरण देने को कहा है। उनके द्वारा भुगतान किया गया लाभांश, शेयर लेनदेन, वित्तीय लेनदेन के साथ-साथ बैंक विवरण, होल्डिंग्स का विवरण,खाता बही, अनुबंध नोट और अन्य विवरणों के साथ सभी शेयर लेनदेन के डिटेल मांगे गए है। सीबीआई ने शिवकुमार के बेटे और परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा चैनल में किए गए निवेश का विवरण भी पेश करने को कहा है।

जयहिंद के प्रबंध निदेशक बीएस शिजू ने दी जानकारी
जयहिंद के प्रबंध निदेशक बीएस शिजू ने कहा कि उन्हें सीबीआई का नोटिस मिला है और वे एजेंसी द्वारा मांगे गए सभी दस्तावेज मुहैया कराएंगे। उन्होंने कहा कि सभी रिकॉर्ड उनके पास हैं और इसमें कोई अवैधता शामिल नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआई की कार्रवाई केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध का स्पष्ट मामला है। शिजू, जो केरल में कांग्रेस नेता भी हैं, ने दावा किया कि इस मामले की जांच पिछली भाजपा के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार द्वारा की गई थी और किसी भी अवैधता की अनुपस्थिति के कारण इसे बंद कर दिया गया था।

शिवकुमार पर आरोप
पीटीआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मामले को दोबारा खोलना आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं को 'परेशान' करने का एक प्रयास है। सीबीआई ने 2020 में शिवकुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि 2013 और 2018 के बीच, उन्होंने 74 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित की, जो कथित तौर पर उनकी आय से अधिक है।

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