मध्यप्रदेश

मंत्री विजय शाह ने विभागीय समीक्षा में दिए निर्देश की विशेष पिछड़ी जनजाति बहुल जिलों को मिलेगी सुविधा

भोपाल
 मध्‍य प्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजाति (बैगा, भारिया एवं सहरिया) के पढ़े-लिखे युवाओं की शासकीय सेवाओं में सीधी भर्ती के लिए अभियान चलाया जाएगा। इन जनजातियों की बहुलता वाले हर जिले में पांच-पांच गांव आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किए जाएंगे। बच्चों को विशेष पोषण आहार एवं देखभाल के लिए इन गांवों में माडल आंगनबाड़ियां भी तैयार की जाएंगी। इसके निर्देश जनजातीय कार्य, लोक परिसंपत्ति प्रबंधन तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डॉ विजय शाह ने विभागीय समीक्षा के दौरान दिए।

मध्य प्रदेश पूरे देश में अव्वल स्थान पर

मंत्री ने प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जन-मन) की प्रगति के बारे में जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि महाअभियान के क्रियान्वयन में मध्य प्रदेश पूरे देश में अव्वल स्थान पर है। विशेष पिछड़ी जनजातीय बहुल 24 जिलों में विकास कार्य में तेज गति के साथ चल रहे हैं। शाह ने निर्देश दिए कि पीएम जन मन के अंतर्गत स्वीकृत सभी प्रकार के विकास, कौशल उन्नयन एवं अधोसंरचात्मक निर्माण कार्य 31 अक्टूबर तक पूरे करने पर ध्यान केंद्रित किया जाए।

उपचार के लिए 66 मोबाइल हेल्थ वैन
बैगा, भारिया और सहरिया के स्वास्थ्य उपचार एवं जांच के लिए प्रदेश में 66 मोबाइल हेल्थ वैन जल्द ही कार्यशील हो जाएंगी। विशेष पिछड़ी जनजाति बहुल जिलों के पांच-पांच गांव आदर्श ग्राम के रूप में किए विकसित जाएंगे। गांव में ऐसी चौपालें विकसित की जाएंगी, जहां राज्य एवं केंद्र सरकार की सभी योजनाओं का प्रदर्शन हो।

अब छात्रावास सुविधा भी
आदिवासी विकासखंडों में सीएम राइज स्कूलों की स्थापना के दूसरे चरण में छात्रावास सुविधा की अनुमति भी ली जाए। जल्द से जल्द सभी परियोजना सलाहकार मंडलों का गठन किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि वह प्रतिमाह तीन से चार दिन जिलों के प्रवास पर रहकर जनजातीय कार्य विभाग की योजनाओं एवं अन्य गतिविधियों की समीक्षा करेंगे।

गैस पीड़ित परिवारों के एक हजार युवाओं को देंगे रोजगार से जुड़ा प्रशिक्षण
भोपाल गैस राहत त्रासदी व पुनर्वास विभाग के कामों की समीक्षा करते हुए मंत्री ने कहा कि प्रभावित परिवारों के एक हजार युवाओं को जनजातीय कार्य विभाग के अधीन आने वाली मध्य प्रदेश रोजगार एवं प्रशिक्षण परिषद (मैपसेट) के माध्यम से रोजगार से जुड़ा प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इसके लिए आवश्यक राशि गैस राहत विभाग देगा। युवाओं को कंप्यूटर के अलावा पैरा मेडिकल पाठ्यक्रम भी कराए जाएंगे।

मंत्री डाॅ. शाह ने गैस राहत संचालनालय के समीप नाला निर्माण कराने और परिसर की समुचित सफाई कराने के निर्देश दिये। उन्होंने भोपाल जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिए कि भोपाल शहर में मौजूद गैस राहत विभाग के स्वामित्व वाली भूमि व परिसरों (शेड) पर अतिक्रमण हटाकर कब्जा भोपाल गैस राहत विभाग को दिलाया जाए। बैठक में जनजातीय कार्य, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग, भोपाल संभागायुक्त, पुलिस आयुक्त सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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