देश

खाटूश्यामजी मंदिर के लिए नई रेल लाइन, 254.06 करोड़ के बजट से मंदिर तक 17.49 का रेलवे ट्रेक

सीकर/खाटूश्यामजी
 केन्द्र एवं राजस्थान में मौजूदा सतारुढ़ सरकार का इन दिनों धार्मिक स्थलों के उत्थान, पुर्न निर्माण एवं कारिडोर बनाने में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसका फायदा न केवल इन धार्मिक क्षेत्रों के स्थलों को मिल रहा है बल्कि इन क्षेत्रों में रहने वालों के साथ इन धार्मिक स्थलों में आस्था रखने वाले देश विदेश में बसे श्रद्धालुओंं को भी मिल रहा है। पर्यटन उद्योग को बूम मिलेगा। अन्य रोजगार के साधन डवलप होंगे। सरकार ने कई धार्मिक स्थलों तक पहुंचने के लिए सीधा सड़क मार्ग तो कई रेल मार्ग तैयार करवा रही है। इसी कड़ी में विश्व विख्यात राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटूश्यामजी मंदिर एवं चूरू जिले में स्थित सालासर बालाजी मंदिर के भक्तों के लिए बड़ी खुशी खबरी दी गई है।

खाटू श्यामजी के लिए 17.49 किमी की नई रेल लाइन, 254.06 करोड़ का बजट

सरकार ने हरी झंडी देने के बाद भारतीय रेलवे ने सीकर जिले के रींगस रेलवे स्टेशन से खाटूश्यामजी कस्बे तक रेल पटरिया बिछाने की योजना को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। सूत्रों के अनुसार रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव कुमार ने सीकर के प्रसिद्ध खाटूश्यामजी मंदिर में आने वाले भक्तों को बार-बार वाहन बदलने की परेशानी से निजात दिलाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए सीकर के रींगस-खाटूश्यामजी तक 17.49 किलोमीटर की नई रेल लाइन के लिए 254.06 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। रेल के जरिए सालासर और खाटू का जुड़ाव होने के बाद श्रद्धालुओं को काफी राहत मिलेगी।

सुजानगढ़-सालासर-खाटूश्याम के बीच रेल मार्ग

रेलवे शीघ्र ही खाटूश्यामजी-सालासर-सुजानगढ़ के बीच करीब 45 किलोमीटर की नई रेल लाइन के लिए भी जल्द ही डीपीआर बनाने जा रहा है। सरकार की ओर से हरी झंडी मिल चुकी है इसी का तकाजा है कि इसके लिए भी अंतिम सर्वेक्षण का कार्य किया गया है।

अभी रींगस तक रेल, फिर सड़क मार्ग से खाटू का सफर

मौजूदा समय में रेल के जरिए खाटूश्यामजी मंदिर पहुंचने का कोई सीधा जरिया नहीं है। मौजूदा समय में ट्रेन से पहुंचने वाले भक्तों को खाटू बाबा के दरबार में पहुंचने के लिए रींगस रेलवे स्टेशन पर उतर कर दूसरा वाहन का सहारा लेना पड़ता है। लेकिन भविष्य में रेल पटरिया बिछने जाने के बाद खाटूश्यामजी के लिए भी सीधा रेल मार्ग उपलब्ध हो जाएगा।

प्रतिदिन खाटूधाम दरबार में पहुंचते है 8 से 10 हजार से भक्त

एक अनुमान के अनुसार, विश्व विख्यात धार्मिक स्थल खाटूश्यामजी मंदिर में एक साल में बाबा के दरबार में शीश नवाने के लिए एक करोड़ से ज्यादा श्रद्धालूओं का आवगमन होता है। इनमें से होली के पहले आयोजित होने वाले खाटूश्यामजी के वार्षिक लक्खी मेले में ही सात दिनों के अंदर 35 से 40 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। कहा जाता है कि प्रतिदिन मंदिर में 8 से 10 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते है।

अभी सालासर के लिए भी नहीं है सीधी रेल

राजस्थान के चूरू जिले में सुजानगढ़ इलाके के पास स्थित विश्व प्रसिद्ध सालासर बालाजी मंदिर तक पहुंचने के लिए सालासर तक का कोई रेल मार्ग नहीं है। रेल मार्ग से सालासर पहुंचने के लिए पहले सुजानगढ़, सीकर, रींगस आदि स्टेशनों पहुंचना पड़ता है इसके बाद बस या अन्य वाहनों का सहारा लेकर सालासर बालाजी मंदिर के दरबार पहुंचा जाता है। अगर इस स्थल के लिए बनने वाली डीपीआर को सफलता मिल जाती है तो भक्तों के लिए यहां से बड़ी खुशी खबरों होगी। हॉलकि अभी इस काम में समय काफी लगेगा। हो सकता है कि अगली सरकार बनने तक का समय लग जाएगा लेकिन शुरूआत हुई है तो अंजाम भी मिलेगा।

खाटूश्याम मंदिर कॉरिडोर भी बनेगा, भजनलाल सरकार ने उठाया कदम

राज्य की मौजूदा सरकार ने खाटू श्याम मंदिर कॉरिडोर बनाने की घोषणा हाल के बजट में करने तथा इस क्षेत्र का समग्र विकास के लिए मास्टर प्लान लागु करवाने की दिशा में बड़े कदम उठाए है। गत दिवस राज्य की उपमुख्यमंत्री एवं सानिवि का जिम्मा संभाल रही श्रीमती दीया कुमारी ने भी वित्त, सार्वजनिक निर्माण और पर्यटन विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी किए है कि खाटू श्याम मंदिर और उसके आसपास के क्षेत्र में जन सुविधाओं यथा सडक़, परिवहन, यात्रियों के ठहराव, दर्शनों में सुगमता, भीड़ नियंत्रण सहित विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखकर एक बेहतर कार्य योजना बनाई जाए ताकि खाटूश्याम मंदिर कोरिडोर को एक मॉडल के रूप में विकसित किया जा सके। डिप्टी सीएम ने जोर देकर कहा कि खाटू श्याम मंदिर कॉरिडोर के समग्र विकास के लिए उत्कृष्ट डीपीआर बनाई जाएगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button