मध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री मोहन यादव के कड़े तेवर… गैर मुस्लिमों को धार्मिक शिक्षा देने वाले मदरसे कराएंगे बंद

भोपाल

मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने मदरसों को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। जिसके तहत मदरसों में बच्चों को फर्जी एडमिशन देने या बिना अनुमति गैर मुस्लिमों को धार्मिक शिक्षा देने पर उनका अनुदान बंद व मान्यता खत्म करने जैसी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इसके साथ ही मध्य प्रदेश सरकार ने अधिकारियों को सरकारी अनुदान प्राप्त करने वाले मदरसों में भर्ती छात्रों की जानकारी का भौतिक सत्यापन करने का आदेश भी जारी कर दिया है, साथ ही यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि माता-पिता या अभिभावकों की सहमति के बिना बच्चों को धार्मिक शिक्षा न दी जाए।

इस बारे में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) से शिकायत मिली थी कि सरकारी अनुदान प्राप्त करने के लिए कई गैर-मुस्लिम बच्चों के नाम फर्जी तरीके से मदरसों में दर्ज किए गए हैं, जिसके बाद शुक्रवार को इस संबंध में एक आदेश जारी किया गया।

आदेश के अनुसार, यदि बच्चों के नाम धोखाधड़ी से मदरसों में दर्ज किए गए हैं, तो उनका अनुदान रोक दिया जाएगा, मान्यता रद्द कर दी जाएगी और उचित दंड प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

आयुक्त (लोक शिक्षण या सार्वजनिक निर्देश) शिल्पा गुप्ता ने आदेश जारी कर अधिकारियों को मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त मदरसों का भौतिक सत्यापन करने का निर्देश दिया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सरकारी अनुदान प्राप्त करने के लिए बच्चों (मुस्लिम या गैर-मुस्लिम) के नाम फर्जी तरीके से दर्ज नहीं किए गए हैं।

इसमें संविधान के अनुच्छेद 28 (3) का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है, ‘राज्य द्वारा मान्यता प्राप्त या राज्य निधि से सहायता प्राप्त करने वाले किसी भी शैक्षणिक संस्थान में पढ़ने वाले किसी भी व्यक्ति को ऐसे संस्थान में दी जाने वाली किसी भी धार्मिक शिक्षा में भाग लेने या ऐसे संस्थान में या उससे जुड़े किसी परिसर में आयोजित किसी भी धार्मिक पूजा में भाग लेने की आवश्यकता नहीं होगी, जब तक कि ऐसे व्यक्ति या यदि ऐसा व्यक्ति नाबालिग है, तो उसके अभिभावक ने इसके लिए अपनी सहमति नहीं दी हो।’

आदेश में कहा गया है कि यदि राज्य द्वारा मान्यता प्राप्त या राज्य निधि से सहायता प्राप्त करने वाले मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को उनके धर्म की शिक्षाओं के विपरीत धार्मिक शिक्षा दी जा रही है या उन्हें उनकी सहमति के बिना धार्मिक शिक्षा लेने या किसी पूजा में भाग लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है (यदि वे नाबालिग हैं, तो उनके अभिभावक), तो सभी अनुदानों को रोककर ऐसे मदरसों की मान्यता रद्द करने की कार्रवाई की जानी चाहिए और अन्य उचित कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए।

राज्य जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि ये निर्देश सार्वजनिक निर्देश के निदेशक और मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड के सचिव को जारी किए गए हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button