छत्तीसगड़

हाईकोर्ट ने पति के तलाक की याचिका की मंजूर, पत्नी के अवैध संबंधों और ससुराल में चोरी को माना मानसिक और शारीरिक क्रूरता

बिलासपुर

पत्नी के अवैध संबंधों और ससुराल में चोरी को हाईकोर्ट ने पति के प्रति मानसिक और शारीरिक क्रूरता माना है और पति के तलाक की याचिका मंजूर कर ली है. बता दें कि मई 2015 में विवाह के बाद पत्नी ने घरेलू जिम्मेदारियों से किनारा करना शुरू कर दिया. पति ने शुरुआत में इसे अनदेखा किया, लेकिन जब उसे पत्नी के ललित नामक युवक के साथ अवैध संबंधों की जानकारी मिली तो उसका सब्र टूट गया.

उसकी पत्नी अपने प्रेमी ललित से घंटों मोबाइल पर बातचीत करती थी. पति के सवाल पूछने पर पत्नी गुस्सा दिखाती थी. इस बीच फरवरी 2016 में पति अपने पिता के साथ एक शादी में शामिल होने के लिए मध्यप्रदेश के सतना गया हुआ था. इस दौरान उनके घर में चोरी हुई.

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि चोरी की योजना पत्नी ने ही बनाई थी और उसमें ललित के साथ एक अन्य व्यक्ति भी शामिल था. चोरी का सामान ललित की मां के पास से बरामद हुआ था. इस घटना के बाद उनके बीच विवाद बढ़ गया और पति-पत्नी अलग रहने लगे. पत्नी ने गुजारा भत्ता की मांग की, जिसे कोर्ट ने ललित के साथ अवैध संबंधों के चलते खारिज कर दिया.

पत्नी की हरकतों से परेशान पति ने बैकुंठपुर, कोरिया के फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी लगाई, लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया, जिसके बाद मामला हाई कोर्ट पहुंचा. हाईकोर्ट जस्टिस रजनी दुबे की बेंच ने सभी पक्षों को सुनने के बाद पत्नी के व्यवहार को मानसिक और शारीरिक क्रूरता माना और पति के पक्ष में फैसला सुनाते हुए तलाक की डिक्री को मंजूरी दे दी.

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