छत्तीसगड़

छत्तीसगढ़ विस बजट सत्र: सदन में गूंजा PDS वितरण में गड़बड़ी का मुद्दा

रायपुर.

छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र का दूसरा दिन काफी हंगामेदार रहा। भाजपा विधायक राजेश मूणत और धरमलाल कौशिक ने पूर्व की कांग्रेस सरकार में पीडीएस वितरण में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया। प्रश्नकाल में पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने खाद्य और पीडीएस से संबंधित सवाल दागे। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुई गड़बड़ियों पर कार्रवाई की मांग की। जिस पर खाद्य मंत्री ने विधानसभा समिति से जांच कराने की बात कहीं।

पूर्व मंत्री मूणत ने कहा कि कोरोना काल के दौरान केंद्र सरकार ने पीडीएस चावल सिस्टम छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार को दिया। मांग के आधार पर कांग्रेस सरकार को केंद्र सरकार ने कुल 28 लाख 10 हजार 780 मीट्रिक टन चावल दिया। आबादी और उस प्रस्ताव के आधार पर चावल का अलॉटमेंट हुआ। जिस परिवार में एक, दो और तीन व्यक्ति हैं, फिर वह अपात्र कैसे हो गए? संचालनालय से आदेश निकला कि इन-इन व्यक्तियों को नहीं मिला है, जबकि केंद्र से मिला है। लगभग 29 हजार 491 मीट्रिक टन चावल जो बचा हुआ है, वह कहां गया और किस कोटे में गया? भूपेश सरकार ने कहां समावेश किया? 4 साल से राशन दुकान का सर्वे नहीं किया गया। 4 साल तक ऑडिट ही नहीं हुआ। राशन दुकानों में हजारों मीट्रिक टन चावल रखा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि  जिन दुकानों की जांच हुई, उनसे पांच हजार और 8 हजार लेकर उन दुकानों की बहाली कर दी गई, जो चावल छत्तीसगढ़ सरकार को मिला वह चावल कहां गया? किसके कोटे में गया? पीडीएस वितरण प्रणाली की जांच होनी चाहिए और ऐसे व्यक्ति पर का कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं विधायक धरमलाल कौशिक ने जांच रिपोर्ट की जानकारी मांगी पर अपनी ही सरकार के मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं होने की बात कही। इसे लेकर लंबी बहस भी हुई। बाद में विधानसभा की जांच समिति की ओर जांच कराए जाने की बात पर वह माने। विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को प्रश्नकाल की शुरुआत में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह से शायरी अर्ज करने की इजाजत मांगी। अध्यक्ष ने कहा कि आज आपने शेरो-शायरी से शुरुआत की है, पांच साल ऐसा ही चलता रहे। नेता-प्रतिपक्ष ने इस पर अपनी सहमति जताते हुए शायरी  सुनाया।

खामोश लम्हे, झुकी हैं पलके, दिलों में उलफत नई-नई,
अभी तकल्लुफ है गुप्तगू में, अभी मोहब्बत नई-नई है
बहार का आज पहला दिन है, चलो चमन में घूम आएं
फिजा में खुश्बू नई-नई है, गुलो में रंगत नई-नई है

शायरी सुनने के बाद डॉ. रमन सिंह कहा कि आप इस उम्र में भी रोमांटिक हैं, यह अच्छी बात है। इसके बाद गुंडरदेही से कांग्रेस विधायक कुंवर सिंह निषाद ने भी शायरी सुनाया।
वो जो रास्ते थे वफा के थे, ये जो मंजिलें हैं सजा की है
उनका हमसफर कोई और था, इनका हमनसीब कोई और है

मुंगेली से बीजेपी के वरिष्ठ विधायक पुन्नूलाल मोहिले ने भी शायरी से जवाब दिया-
नई उमंग है, नई जोश है
आप थोड़े दिल से खामोश हैं, क्यों चुप हैं

धान खरीदी की समय बढ़ाने की मांग
विपक्ष ने सदन में धान खरीदी की समय सीमा बढ़ाने की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया। पक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोक भी हुई। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि बहुत किसान धान नहीं बेच पाए हैं, ऐसे में खरीदी की समय-सीमा बढ़ानी चाहिए। इस पर खाद्य मंत्री के इनकार करने पर विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया। कुछ देर बाद सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई।

विपक्ष ने किया हंगामा
कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने प्रश्नकाल में पूछा कि किसानों ने धान बेचा है, उसका पंजीकृत रकबा कितना है? खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने माना कि धान खरीदी का रकबा पिछले साल से कम हुआ है, लेकिन धान बेचने वाले किसानों की संख्या बढ़ी है। बेचे गए धान का रकबा 27.92 लाख हेक्टेयर है। इस पर पटेल ने इस पर कहा कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार है कि बेचे गए धान का रकबा घटा है, पिछले बार 29.06 लाख हेक्टेयर रकबा था। अनुपात में देखें तो कम धान खरीदी हुई है। इस पर खाद्य मंत्री ने कहा कि पिछले साल से धान खरीदी का रकबा कम है, लेकिन पिछले साल से एक लाख से ज्यादा किसानों ने धान बेचा है। विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने कहा कि मंत्री ने अपने जवाब में कहा है कि खरीदी की समय सीमा बढ़ोतरी नहीं की जाएगी, ये प्रश्न ही खत्म होता है, फिर धान खरीदी का समय बढ़ाने की मांग को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया।

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