कोलकाता में सात दिन तक प्रदर्शन पर पाबंदी, धारा 163 लागू
कोलकाता
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के आसपास किसी भी तरह के धरना-प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह प्रतिबंध अगले सात दिनों तक जारी रहेगा। कोलकाता प्रशासन ने कानून व्यवस्था को लेकर मिली गंभीर रिपोर्ट के बाद यह कदम उठाया है। आदेश के मुताबिक आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के आसपास विरोध प्रदर्शन, रैली, धरना आदि देने की इजाजत नहीं होगी। कोलकाता के एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट और पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल के आदेश के मुताबिक यहां पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 लागू कर दी गई है। गौरतलब है कि 31 वर्षीय डॉक्टर के रेप और हत्या के बाद यहां पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। बीते दिनों प्रदर्शनकारियों ने इस अस्पताल को भी निशाना बनाया था।
आदेश में कहा गया है कि विश्वसनीय सूत्रों से कुछ जानकारियां सामने आई हैं। इसके मुताबिक आरजी कर अस्पताल के पास लोगों के एक वर्ग या संगठन द्वारा हिंसक प्रदर्शनों, रैलियों, बैठकों के पर्याप्त कारण हैं इससे शांति भंग होती है। इसके अलावा सार्वजनिक जीवन, सेफ्टी और इंसानी जीवन को खतरा है। इसके चलते यहां पर किसी भी तरह के प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी गई है। बता दें कि पश्चिम बंगाल के लगभग सभी अस्पतालों के चिकित्सक स्थानीय आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और हत्या की घटना के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों में शनिवार को शामिल हुए, जिससे पूरे राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित रहीं।
घटना के विरोध में कई जूनियर डॉक्टर ने आठ दिन पहले हड़ताल शुरू की थी और आईएमए के आह्वान पर 24 घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में वरिष्ठ चिकित्सक भी शामिल हो गए। इससे सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों के बाह्य रोगी विभागों (ओपीडी) में सेवाएं प्रभावित हुईं। इस बीच, सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष से दूसरे दौर की पूछताछ की। पूछताछ शुक्रवार शाम को शुरू हुई थी और आधी रात के बाद तक जारी रही थी। परास्नातक प्रशिक्षु चिकित्सक का शव नौ अगस्त को आरजी कर अस्पताल के सेमिनार कक्ष में मिला था। पुलिस ने इस सिलसिले में अगले दिन एक आरोपी को गिरफ्तार किया था। एजेंसी अस्पताल के पूर्व प्राचार्य को पूछताछ के लिए शुक्रवार को अपने साथ ले गई थी और उनसे देर रात एक बजकर 40 मिनट तक पूछताछ की गई थी।