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डीआरडीओ ने शुरू किया काम, Pinaka-MK 3 लॉन्ग रेंज रॉकेट जल्द होगा तैयार…

नईदिल्ली

कारगिल युद्ध में ऊंची चोटियों पर बैठे दुश्मनों के जिस रॉकेट सिस्टम ने छक्के छुड़ाए थे. अब उसका एडवांस वर्जन जल्द ही सेना को मिल जाएगा. डीआरडीओ ने पिनाका-एमके3 रॉकेट का फैब्रिकेशन वर्क शुरू कर दिया है. इस रॉकेट लॉन्चर की रेंज 120 किलोमीटर या उससे ज्यादा होगी.

पिनाका-एमके3 एक लॉन्ग रेंज गाइडेड रॉकेट सिस्टम है. इसके दो वैरिएंट्स बनाए जाएंगे. पहला 120 किलोमीटर रेंज का और दूसरा 300 किलोमीटर रेंज का. इसमें संभवतः 300 मिलिमीटर कैलिबर के रॉकेट होगे. इसकी जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि चीन की सेना ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी सीमा के पास 300 किलोमीटर रेंज के रॉकेट लॉन्चर लगा रखे हैं.

इस रॉकेट सिस्टम के पहले दो वर्जन पाकिस्तान और चीन सीमा पर तैनात हैं. इस रॉकेट सिस्टम की गति ही इसे सबसे ज्यादा खतरनाक बनाती है. इसकी स्पीड 5757.70 km प्रतिघंटा है. यानी एक सेकेंड में 1.61 km की गति से हमला करता है. पिछले साल ही भारतीय थल सेना की ताकत बढ़ाने के लिए 6400 पिनाका रॉकेट्स खरीदने की मंजूरी दी गई थी.

दो तरह के वैरिएंट्स पहले से हैं सेना में तैनात

यह रॉकेट सिस्टम पूरी तरह से स्वदेशी है. किसी भी मौसम में चलाई जा सकती है. यह कम समय में ताबड़तोड़ फायरिंग करके दुश्मन के इलाके को कब्रिस्तान में बदल देती है. पिछले साल इसके 24 टेस्ट किए गए थे. इसके प्रमुख तौर पर दो वैरिएंट्स मौजूद हैं. तीसरा निर्माणधीन है. पहला है – पिनाका एमके-1 (एनहैंस्ड) रॉकेट सिस्टम (Pinaka Mk-1 Enhanced Rocket System).

भगवान शिव के धनुष के नाम पर दिया गया नाम

दूसरा है पिनाका एरिया डिनायल म्यूनिशन (Pinaka Area Denial Munition – ADM) रॉकेट सिस्टम. इसका नाम भगवान शिव के धनुष 'पिनाक' के नाम पर रखा गया है. पिनाका रॉकेट सिस्टम 44 सेकेंड में 12 रॉकेट दागता है. यानी हर 4 सेकेंड में एक रॉकेट. 214 कैलिबर के इस लॉन्चर से एक के बाद एक 12 पिनाका रॉकेट दागे जा सकते हैं.

7 से 90 km तक की रेंज, 100 kg का वॉरहेड

इसकी रेंज 7 km के नजदीकी टारगेट से लेकर 90 km दूर बैठे दुश्मन को नेस्तानाबूत कर सकता है. पहले वैरिएंट की रेंज 45 और दूसरे वैरिएंट की 90 km है. तीसरे निर्माणाधीन वैरिएंट की रेंज 120 से 300 किलोमीटर होगी. इस लॉन्चर की लंबाई 16 फीट 3 इंच से लेकर 23 फीट 7 इंच तक है. इसका व्यास 8.4 इंच है.  नए पिनाका में रेंज के साथ-साथ वॉरहेड लगाने की क्षमता भी बढ़ जाएगी.

इस लॉन्चर से छोड़े जाने वाले पिनाका रॉकेट पर हाई एक्सप्लोसिव फ्रैगमेंटेशन, क्लस्टर बम, एंटी-पर्सनल, एंटी-टैंक और बारूदी सुरंग उड़ाने वाले हथियार लगा सकते हैं. यह रॉकेट 100 kg तक के वॉरहेड लगा सकते हैं. इस सिस्टम की शुरूआत 1986 में हुई थी.  

कारगिल युद्ध में उड़ा दी थीं PAK आतंकियों की धज्जियां

कारगिल युद्ध के दौरान इस मिसाइल को टट्रा ट्रक पर लोड करके ऊंचाई वाले इलाकों में भेजा गया था. वहां पर इस रॉकेट ने दुश्मन के ठिकानों की धज्जियां उड़ा दी थी. सभी पाकिस्तानी दुश्मनों को पहाड़ पर बनाए अपने बंकरों को छोड़कर भागना पड़ा या फिर मारे गए. क्योंकि ये रॉकेट इतनी गति से हमला करता है कि दुश्मन को संभलने का मौका ही नहीं मिलता.  

पिनाका रेजीमेंट को सैन्य बलों की संचालन तैयारियां बढ़ाने को चीन और पाकिस्तान की सीमा के साथ तैनात किया जाएगा. बीईएमएल ऐसे वाहनों की आपूर्ति करेगी जिस पर रॉकेट लॉन्चर को रखा जाएगा. 6 पिनाका रेजीमेंट में ‘ऑटोमेटेड गन एमिंग एंड पोजिशनिंग सिस्टम’ के साथ 114 लॉन्चर, 45 कमान पोस्ट भी होंगे. रॉकेट रेजीमेंट का संचालन 2024 में शुरू करने की योजना है.

 

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