देश

SC का पेपर लीक के आधार पर यूजीसी-नेट 2024 परीक्षा रद्द करने को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार

नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कथित पेपर लीक के आधार पर यूजीसी-नेट 2024 परीक्षा रद्द करने को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, “परीक्षा रद्द हुए करीब दो महीने बीत चुके हैं और अब नए सिरे से परीक्षा अगले कुछ दिनों में आयोजित की जाएगी। इस मामले को देखते हुए, वर्तमान चरण में संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत याचिका पर विचार करने से केवल अनिश्चितता बढ़ेगी और इसका परिणाम घोर अराजकता होगा।”

पीठ में जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा भी शामिल थे। पीठ ने कहा कि इसी तरह की राहत की मांग करने वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) को पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। यूजीसी-नेट अभ्यर्थियों के एक समूह ने याचिका में परीक्षा को नए सिरे से आयोजित करने के निर्णय पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।

अधिवक्ता रोहित कुमार के माध्यम से दायर याचिका में दावा किया गया है कि सीबीआई जांच के दौरान हाल ही में सामने आए नतीजों को देखते हुए पूरी परीक्षा रद्द करने का फैसला न केवल मनमाना है, बल्कि अन्यायपूर्ण भी है। याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में तर्क दिया, “परीक्षा रद्द होने से उम्मीदवारों को काफी परेशानी, चिंता और संसाधनों की अनावश्यक बर्बादी हुई है। इस फैसले ने अनगिनत छात्रों की अकादमिक और पेशेवर योजनाओं को बाधित किया है, जिससे परीक्षा प्रणाली में उनका विश्वास कम हुआ है।” झूठे सबूतों के आधार पर परीक्षा रद्द करना न्याय की घोर विफलता है।

यह भारत के संविधान में निहित निष्पक्षता और समता के मौलिक सिद्धांतों का उल्लंघन है। याचिका में सीबीआई जांच पूरी होने तक परीक्षा पर रोक लगाने की अपील की गई थी और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में तत्काल जांच की मांग की गई। 19 जून को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने देश के विभिन्न शहरों में एक दिन पहले आयोजित हुए यूजीसी-नेट 2024 परीक्षा को निरस्त कर दिया था। परीक्षा प्रक्रिया में गड़बड़ी की आशंका थी।

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button