मध्यप्रदेश

जल्दी अमीर बनने का लालच देकर लोगों के रुपए ठगने बाली फर्जी चिट फण्ड कंपनी का पर्दाफ़ाश, 05 आरोपी गिरफ़्तार

जल्दी अमीर बनने का लालच देकर लोगों के रुपए ठगने बाली फर्जी चिट फण्ड कंपनी का पर्दाफ़ाश

 05 आरोपी गिरफ़्तार

 आरोपियों की चल अचल संपत्ति कुल ₹4,1526000 /- (चार करोड़ पंद्रह लाख छब्बीस हजार रुपए)जप्त एवं सीज कराई गई

टीकमगढ़
 जिला टीकमगढ़ में एलजेसीसी कंपनी की ब्रांच चकरा तिराहे पर कार्यरत थी जब कुछ निवेशको द्वारा पुलिस अधीक्षक टीकमगढ़ रोहित काशवानी को उक्त कम्पनी के कर्मचारियों द्वारा पैसे नहीं लौटाने की शिकायत की गयी तो तत्परता से पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा थाना प्रभारी कोतवाली को निर्देशित कर निवेशको के लगभग 15 लाख रू० वापस करवाने के साथ-साथ मीडिया के माध्यम से   प्रचार-प्रसार कराया गया था कि लोगो द्वारा इस प्रकार की कंपनियों में किसी  प्रकार का निवेश किया गया पैसा अगर कम्पनी नहीं देती है तो लोग इसकी शिकायत पुलिस से करें इसके बाद से ही कम्पनी के निवेशको ने टीकमगढ़  पुलिस से लिखित शिकायतें की ।

 पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही-   पुलिस महानिरीक्षक सागर जोन  प्रमोद वर्मा व उप पुलिस महानिरीक्षक छतरपुर रेंज  ललित शाक्यवार के निर्देशन में व पुलिस अधीक्षक टीकमगढ़  रोहित काशवानी के मार्गदर्शन में थाना पलेरा, थाना कोतवाली में शिकायतकर्ताओ की शिकायत पर अपराध धारा 111, 318 61(2) बी.एन. एस. में पंजीवद्ध कर जिला स्तर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  सीताराम अनुविभागीय अधिकारी टीकमगढ़  राहुल कटरे, व अनुविभागीय अधिकारी जतारा  अभिशेक गौतम के नेतृत्व में एसआईटी टीम गठित की गई जो गठित टीम द्वारा उक्त कम्पनी के फर्जीवाड़ा का खुलासा कर कम्पनी के ब्रांच मैनेजर सुबोध रावत व अजय तिवारी, राहुल यादव, जियालाल राय, विजय शुक्ला को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की गई।

जिनके द्वारा बताया गया उक्त एलजेसीसी कम्पनी के माध्यम से वह स्वयं व समीर अग्रवाल, रवि तिवारी अलोक जैन व अन्य साथियों के साथ मिलकर संगठित गिरोह के रूप में वर्ष 2012 से फर्जीवाड़ा कर लोगो की निवेश की गई रकम हड़प रहे हैं व इनके द्वारा ये भी बताया गया कि सभी कम्पनी के मैनेजर व स्वयं द्वारा करोड़ो रूपये की सम्पति पूरे भारत में जगह-जगह पर अर्जित करने के साथ अजय तिवारी ,सुबोध रावत द्वारा टीकमगढ़ में ही करोड़ो रूपये की सम्पति व एफडी स्वंय एवं परिजनो के नाम से अर्जित की गई हैं।  पिछले 12 वर्षों में इनकी कम्पनी पर पहली बार पुलिस कार्यवाही होना स्वीकार किया गया। आरोपियों के मेमोरेण्डम पर इनकी निवेशको की गाडी कमाई से अर्जित की गई सम्पति जप्त की गई है व इनके ऑफिस की सम्पति व डाटा जप्त किया गया है।

गिरफ़्तार आरोपियों का विवरण-
(1) अजय कुमार पिता स्व० चन्द्र प्रकाश तिवारी उम्र 42 साल नि0 ग्राम गुढा खिरिया थाना नाराहट जिला ललितपुर हाल इन्द्रपुरी कालोनी थाना कोतवाली टीकमगढ (म०प्र०)

(2) विजय कुमार पिता सूर्य प्रसाद शुक्ला उम्र 45 साल नि0 इन्द्रपुरी कालोनी थाना कोतवाली जिला टीकमगढ (म०प्र०)

(3) सुबोध कुमार पिता  रामचन्द्र रावत उम्र 36 साल नि0 ढोगा मोहल्ला थाना कोतवाली टीकमगढ (म०प्र०)

(4) राहुल पिता  शंकर यादव उम्र 46 साल नि० बङीमाता मोहल्ला जिला निवाङी हाल बालाजी रेजीडेन्सी पंचवटी झांसी थाना कोतवाली जिला झांसी उ०प्र०।(5) जियालाल राय पिता स्व० गनेश प्रसाद राय उम्र 34 साल नि० ग्राम रामगढ़ थाना जतारा टीकमगढ हाल न्यू बस स्टेण्ड कुचबंदियाना मोहल्ला थाना कोतवाली टीकमगढ़ (म०प्र०)

अन्य आरोपियों की तलाश एवं गिरफ़्तारी हेतु पुलिस टीमों द्वारा इनके मिलने के संभावित स्थानों पर देश के विभिन्न स्थानों पर छापेमार कार्यवाही की जा रही है। पुलिस पड़ताल में उक्त कंपनी के संबंध में निम्नलिखित तथ्य उजागर हुए:-कम्पनी का इतिहास – लस्टीनेस जनहित क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटी (एलजेसीसी) उक्त कम्पनी का मास्टर माइंड सी.एम.डी. समीर अग्रवाल जो मुम्बई का निवासी व वर्तमान में दुबई में निवासरत है इसके और इसके साथियों रवि तिवारी, आलोक जैन, सुतिक्ष्ण सक्सेना, अजय तिवारी, सुबोध रावत ललितपुर उ०प्र० के रहने वाले सभी जालसाज बड़ी सोच व जल्द अमीर बनने की ईच्छा रखकर समीर अग्रवाल द्वारा वर्ष 2013 में सात सोसाइटियों को पंजीकृत कराया जिनके नाम 1. स्वामी विवेकानंद क्रेडिट 2. हयूमन क्रेडिट सोसाइटी 3. सारने वर 4. लस्टीनेस जनहित 5. दा लोनली अर्वन मल्टी स्टेट क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटी 6. यगोदीप क्रेडिट सोसाइटी 7. विश्वास केडिट सोसाइटी मूलतः ये सोसाइटिया  बैंकिंग, क्रेडिट, एफडी, आरडी, लोन का कार्य करती है। इसमे आरडी, एफडी, एमआईएस, सुकन्या, धनपेटी, जैसी स्कीम के द्वारा लोगो से पैसा निवेश कराया जाता है और लोन भी दिया जाता है। उक्त सोसाइटिया अधिकृत है किंतु मूलतः लोन लेने के लिये बनाई गयी है। उक्त सोसाइटिया  संगठित गिरोह के रूप में कार्यरत हैं।समीर अग्रवाल द्वारा इसके पूर्व भी ललितपुर उ०प्र० में एडवांटेज नाम की चिटफण्ड़ नाम की कम्पनी बर्ड्स 2009 में शुरू की व 2012 में निवेशको के करोड़ो रूपये डकार कर 2012 में उक्त कम्पनी को ऑप्शन वन नाम देकर पुनः शुरू किया और इसमें भी लोगो का पैसा डकार कर 2013 में उपरोक्त 7 कम्पनियों रजिस्ट्रेशन कराकर नाम बदल-बदल कर लोगो को ठगना शुरू कर दिया।

 कम्पनी की कार्य शैलीः कम्पनी के मास्टर माइंड समीर अग्रवाल द्वारा उक्त सोसाइटियो के ऑफिस मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, हरीयाणा, दिल्ली, पंजाब, उत्तराखण्ड, बिहार, गुजराज और महाराष्ट्र के विभिन्न जिलो व तहसील स्तर पर खोलकर लोगो को ठगना शुरू किया। समीर अग्रवाल व उसके साथियों द्वारा मध्यम वर्ग, गरीब व नौजवानों को तरह-2 के प्रलोभन देकर लोगो को बड़ी-बड़ी होटलों में पार्टी देकर जल्दी अमीर बनने के सपने दिखाकर लोगो को निवेश करने के लिये प्रेरित करने बड़ी-बड़ी गाड़ियों अल्टो से लेकर मर्सिडिज के ग्रुप बनाकर जैसे स्टार क्लब के एजेंट को 1 लाख का निवेश प्रतिमाह, फाईव स्टार क्लब के एजेंट को 5 लाख का निवेश प्रतिमाह, अल्टो ग्रुप 25 लाख रूपये प्रतिमाह, स्कॉर्पियो ग्रुप 65 लाख, कॉपरेट क्लब डेढ करोड़ प्रतिमाह (कॉपरेटिव ग्रुप के एजेंट को 50 हजार रूपये सैलरी दी जाती थी) एक्स यू.व्ही. ग्रुप 3 करोड़ रुपए  प्रतिमाह निवेश, फॉर्च्यूनर गुप 6 करोड़ रुपए प्रतिमाह का निवेश कराया जाता है, अंतिम मर्सिडिज ग्रुप 8 करोड़ रुपए प्रतिमाह का निवेश। जनता को बेवकूफ बनाकर ये अल्टो से लेकर मर्सिडिज गाड़ी तक 2.5 लाख रूपये लगाकर एजेंट को गाड़ी फाईनेंस करा देते थे व हर माह जब एजेंट उपर दिये ग्रुप के हिसाब से निवेश कराता तो ही उसकी किस्त जमा करते थे नही तो उसे उसके भाग्य पर छोड़ दिया जाता था। लोग जल्द अमीर बनने गाड़ी की किस्त जमा करने के दबाव में लोगो से हर माह करोड़ो रूपये जमा कराते थे  ज्यादा से ज्यादा राशि निवेशको से नगद ही जमा कराते थे।

उक्त नगद राशि किसी खाते में न डालकर हवाले के रूप में ब्रांच कम्पनी के मैनेजर से होते हुये बीच के बड़े-बड़े मैनेजर ठग अपना-अपना हिस्सा रख लेते और शेष रकम महाठग मास्टर माइंड समीर अग्रवाल के पास पहुँचाते थे और चैक से या ऐप के माध्यम से एलजेसीसी से पीएनबी के भगवानपुरा दिल्ली के खाते में जमा होती थी। ग्रामीण लोगो को बड़े-बड़े होटलो में ले जाकर बड़े बड़े सपने दिखाकर अपने जाल में फसाकर गरीब जनता से निवेश करना व उस पैसे ऐसो आराम व बड़ी-बड़ी संपत्तियां कंपनी के लोगों द्वारा अर्जित की गई‌।टीकमगढ़ में कम्पनी का प्रसारः जिले टीकमगढ़ ललितपुर बॉर्डर से लगा हुआ जिला है जो ललितपुर के महाठगो द्वारा यहाँ पूर्व में ऑप्शन-वन बाद में इसे परिवर्तित कर स्वामी विवेकानंद नाम से लोगो से निवेश कराया गया इसमें मुख्य रूप से सुबोध रावत ब्रांच मैनेजर व उसके साथी अजय तिवारी जो दोनो मूलतः बानपुर ललितपुर जिला के रहने वाले है। वर्ष 2012 से 2024 तक  9 राज्यों में इन कम्पनियों द्वारा लगभग 1600 करोड़ का निवेश कराया गया। ऑप्शन-वन को परिवर्तित कर स्वामी विवेकानंद व स्वामी विवेकानंद को एलजेसीसी का नाम देकर ठगी करते रहे जब भी 2012 से निवेशको द्वारा अपना पैसा वापिस मांगा तो दो-चार माह में कम्पनी का ऑफिस बंद नई जगह पर नये नाम से ऑफिस खोलकर ठगी का खेल शुरू कर दिया जाता था।जप्त सम्पत्ति का विवरण : कंपनी द्वारा उपयोग किया जा रहे दस्तावेज एवं उपकरण  कंपनी एवं उनके कर्मचारियों के बैंक खातों के  जमा लगभग 76,00000/- रुपए सीज कराए गए

आरोपियों की कुल चल-अचल संपत्ति 3,3926000/- संपत्ति सीज की गई।आरोपियों की संपत्ति कुल 4,1526000/- सीज कराई गई।पुलिस द्वारा अन्य आरोपियों की संपत्ति के बारे में पतासाजी कर उनकी संपत्ति सीज़ करने की कार्यवाही की जा रही है।सराहनीय कार्य*   निरीक्षक आनंद राज थाना प्रभारी कोतवाली, उपनिरीक्षक आर०डी० कुशवाहा, उपनिरीक्षक बृजेन्द्र सिह, उपनिरीक्षक रघुराज सिंह,उपनिरीक्षक मयंक नगायच, उपनिरीक्षक नीरज लोधी, उपनिरीक्षक नीतेश जैन , उपनिरीक्षक अंकित दुबे,उपनिरीक्षक कमल विक्रम पाठक, सउनि० सतीश त्रिपाठी ,  प्र०आर०  रहमान खान ,  मोहम्मद फारूक खांन,  मनोज अहिरवार, सतीश शर्मा, बृजकिशोर, भरत लड़िया, अमरनाथ,गजाधर,आर0  अनिल पचोरी , आकाश पाण्डेय, रिषिबाबू राय,  गजेन्द्र सिंह ठाकुर , छोटेलाल , शिवशंकर, हरि प्रजापति..।।

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