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पूजा खेडकर की मां को जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा किया गया था, अब उनके पिता भी जेल जा सकते हैं

पुणे
धोखाधड़ी और गलत तरीके से ओबीसी तथा दिव्यांग कोटा का लाभ हासिल करने की आरोपी भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की पूर्व अधिकारी पूजा खेडकर के पिता पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटकी है। कुछ दिन पहले ही पूजा खेडकर की मां को जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा किया गया था। अब उनके पिता भी जेल जा सकते हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि पुलिस ने पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर के खिलाफ पुणे जिले में एक लोक सेवक को धमकाने और उसकी ड्यूटी में बाधा डालने के आरोप में मामला दर्ज किया है। उन्होंने बताया कि पुणे जिला कलेक्ट्रेट के एक तहसीलदार स्तर के अधिकारी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर यहां बंडगार्डन पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया।

एक अधिकारी ने बताया, "शिकायत में कहा गया है कि पूजा खेडकर की सहायक कलेक्टर के रूप में तैनाती के दौरान दिलीप खेडकर ने कथित तौर पर तहसीलदार दीपक अकाडे के खिलाफ धमकाने वाली भाषा का इस्तेमाल किया और उनसे अपनी बेटी के लिए एक केबिन आवंटित करने के लिए कहा। पूजा के पिता को प्रशासनिक कामकाज में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।"

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने हाल ही में पूजा खेडकर का चयन रद्द कर दिया और उन्हें भविष्य की सभी परीक्षाओं और चयनों से स्थायी रूप से वंचित कर दिया। दिल्ली में उनके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से वह वर्तमान में लापता हैं। पूजा खेडकर पर UPSC सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के लिए अपने आवेदन में 'गलत जानकारी देने' का आरोप है। पुणे पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "जिला प्रशासन से शिकायत मिलने के बाद हमने दिलीप खेडकर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 186 (लोक सेवक को उसके सार्वजनिक कार्य करने में बाधा डालना), 504 (जानबूझकर अपमान करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया है।" यह घटना इस साल जून में हुई थी।

बता दें कि सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी दिलीप खेडकर पर पुणे की पौड पुलिस ने भी आपराधिक धमकी का मामला दर्ज किया था, जिसमें उनकी पत्नी मनोरमा पर मुलशी इलाके में एक व्यक्ति पर जमीन विवाद को लेकर बंदूक तानने का आरोप लगाया गया था। दिलीप खेडकर को उस मामले में अग्रिम जमानत दे दी गई थी, जबकि उनकी पत्नी मनोरमा को पुणे ग्रामीण पुलिस ने गिरफ्तार किया था। हालांकि उनको हाल ही में अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया था।

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