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बिहार के अररिया में एक अनोखे ब्रिज का निर्माण किया, जोकि अब प्रशासन की गले की हड्डी बन गया

अररिया

बिहार के अररिया जिले में पुल गिरने की सुर्खियों के बीच एक अनोखे पुल निर्माण की नई कहानी सामने आई है. रानीगंज प्रखंड के परमानंदपुर गांव में एक सूख चुकी नदी पर पुल और करीब तीन किलोमीटर की सड़क के लिए तीन करोड़ रुपये आवंटित किए गए, लेकिन यहां नदी के ऊपर नहीं बीच खेत में ही पुल का निर्माण कर दिया गया और सड़क का अता-पता ही नहीं है.   

इस पुल के बनने से गांव वाले इस बात से हैरान हैं कि पुल तक जाने के लिए दोनों ओर जब सड़क ही नहीं है तो इस पुल का क्या करें. यहां लोग सरकार के इस अनोखे पुल को देखकर माथा पीट रहे हैं. बता दें कि बीते 18 जून को अररिया के पड़रिया घाट पर बना पुल ध्वस्त हो गया था, जिसके बाद पुल निर्माण पर बड़े सवाल खड़े होने शुरू हो गए थे. इसी बीच इस अनोखे पुल की चर्चा ने जनता और प्रशासन को हैरान कर दिया.  

तीन करोड़ रुपये हुए थे आवंटित

दरअसल ग्रामीण कार्य विभाग का ये पुल और तीन किलोमीटर की सड़क के लिए तीन करोड़ रुपये आवंटित हुए थे, लेकिन पुल का निर्माण तो कर दिया गया, लेकिन अब सरकारी जमीन ही नहीं बची, जिस पर सड़क का निर्माण या एप्रोच पथ बनाया जा सके. लोगों का कहना है कि अब सिर्फ निजी जमीन है जिसकी सुधि योजना पारित होने से पहले ली ही नहीं गई. कहीं ना कहीं यह अधिकारी और ठेकेदार की मिलीभगत से राशि को हड़पने की नीयत से की गई थी. मगर अब यही पुल और योजना प्रशासन के गले की हड्डी बनती जा रही है.

दुलरदेई नदी बारिश में बनती है समस्या

गांव वालों का कहना है कि जिस जगह पुल बनाया गया है वहां दुलरदेई नामक एक मृत प्राय नदी है. जो सिर्फ बरसात के महीने में लोगों के लिए समस्या बनती है और अन्य सीजन में वहां सूखा रहता है. ग्रामीणों का संपर्क बना रहे इसी को लेकर इस पर पुल का निर्माण कराया गया, जिसमें सिर्फ बरसात के समय की पानी रहता है.
इस मामले में डीएम ने क्या बताया?  

इस संबंध में अररिया के डीएम इनायत खान ने बताया कि यह मामला मेरे संज्ञान में आया है. इसमें कार्यपालक अभियंता से रिपोर्ट मांगी गई है. इसके साथ ही एसडीओ, सीओ समेत संबंधित अभियंता को घटनास्थल और क्षेत्र भ्रमण के लिए कहा गया है. कार्य ठीक से किया गया या नहीं, पूर्व में उचित सावधानियां बरती गई या नहीं, जमीन मामले को लेकर सारी जानकारी एवं जांच की जा रही है. जमीन उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में किस तरह से इस योजना को प्रारूप दिया गया. तमाम मामलों की जांच की जा रही है. इस मामले में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि यह योजना समेत पुल और सड़क किस तरह से उपयोगी हो सके. पूरे मामले को गंभीरता से देखा जा रहा है. उचित कार्रवाई की जाएगी. 

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