मध्यप्रदेश

उज्जैन में चार साल बाद 2028 में लगने वाले महाकुंभ ‘सिंहस्थ’ में जुटने वाले श्रद्धालुओं के लिए बनी उज्जैन विकास योजना

उज्जैन
ज्योतिर्लिंग महाकाल की नगरी उज्जैन में चार साल बाद 2028 में लगने वाले महाकुंभ ‘सिंहस्थ’ में जुटने वाले श्रद्धालुओं के लिए बुनियादी सुविधाएं बढ़ाने और सड़कों को ट्रैफिक जाम से मुक्त रखने के लिए 170 पेज की ‘विकास योजना’ तैयार हुई है।

मुख्य रूप से उज्जैन को जोड़ने वाले शेष छह मुख्य मार्गों को चौड़ा करने, शिप्रा रिवर फ्रंट डेवपलमेंट करने, 116 इलेक्ट्रिक बसें संचालित कराने, महामृत्युंजय द्वार से त्रिवेणी संग्रहालय फोरलेन एलिवेटेड कारिडोर, छह नए पुल, दो फुट ओवरब्रिज बनाने, नई सड़कों को चौड़ा करने सहित सैकड़ों काम प्रस्तावित हैं। इस पर चर्चा करने के लिए 31 दिसंबर को अपर मुख्य सचिव डा. राजेश राजोरा आ रहे हैं। अगले तीन माह में 5077 करोड़ रुपये के 106 काम पूरे कराने का दावा किया गया है।

सिंहस्थ में 30 करोड़ लोगों के आने का अनुमान
उज्जैन शहर की आबादी छह लाख है। स्थानीय प्रशासन ने सिंहस्थ-2028 में 30 करोड़ लोगों के आने का अनुमान जताया है। लिखा है कि महाकाल महालोक बनने के बाद उज्जैन में प्रतिदिन डेढ़ से दो लाख यात्री आ रहे हैं। विशेष दिनों में संख्या दोगुना हो रही है। साल 2016 के सिंहस्थ में आठ करोड़ लोग सम्मिलित हुए थे। इनके लिए बुनियादी सुविधाएं जुटाने पर तब सरकार ने 4500 करोड़ रुपये खर्च किए थे। तब 100 से अधिक सड़कों का चौड़ा किया गया था। सिंहस्थ 2016 में 11 पुल बनाए गए थे और 100 से अधिक सड़कों को चौड़ा किया था।

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