देश

राजस्थान-दौसा के सरपंच ने एसएसओ आईडी बंद होने से विकास कार्य ठप का लगाया आरोप

दौसा.

दौसा जिले के लवाण पंचायत समिति की कंवरपुरा पंचायत के सरपंच विजय बैरवा ने आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रशासनिक अधिकारियों ने उनके अधिकारों को साढ़े तीन साल बाद भी सीज कर रखा है क्योंकि वे जिला भाजपा मोर्चे में पदाधिकारी से संबंध रखता है। जिले की तत्कालीन गहलोत सरकार के समय से प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा ऐसा किया गया है और आज भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।

सरपंच का कहना है कि यदि किसी मामले में प्रशासन ने उसे दोषी माना था तो उसे निलंबित किया जाना था लेकिन ग्राम विकास अधिकारी मनमोहित मीना, विकास अधिकारी नरेन्द्र मीना व कंचन वोहरा ने धारा 38 (ख)( 1) कार्रवाई प्रस्तावित करके सरपंच को दोषी मानते हुए ग्राम पंचायत की निधियों को दुरुपयोग किए जाने का आरोप लगाया है। बैरवा ने बताया कि तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी मनमोहित के बिलों के भुगतान में अनियमितता थी, जिसकी शिकायत करने पर 2022 में सरपंच की एस.एस.ओ. आईडी को निष्क्रिय कर दिया गया। उधर एसएसओ आईडी बंद होने के चलते सरपंच शक्तिविहिन हो गया लेकिन मामला बढ़ता देख तकनीकी खामी बताकर एसएसओ आईडी को वापस सक्रिय कर दिया गया। सरपंच का आरोप है कि शिकायत की जांच रिपोर्ट में भी ग्राम विकास अधिकारी दोषी पाया गया था और उस पर कार्रवाई की जानी थी लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने इस मामले में लीपापोती कर मामला रफा-दफा कर दिया। सरपंच विजय बैरवा की मानें तो प्रशासनिक अधिकारियों ने ग्राम पंचायत भवन के निर्माण के लिए न्यायालय का स्थगन होने के बावजूद एकतरफा निर्णय लेकर ग्राम पंचायत में निर्माण समिति का गठन करते हुए सरपंच की एस.एस.ओ. आईडी को एक बार फिर से निष्क्रिय कर दिया। राजस्थान पंचायती राज में ग्राम विकास अधिकारी एवं विकास अधिकारी 10 हजार रुपये से अधिक भुगतान नही कर सकते लेकिन इसके लिए लाखों रुपयों का भुगतान किया गया। प्रशासनिक अधिकारियों ने निविदा जारी करने के दौरान राजस्थान लोक उपापन नियम 2012 व 2013 की अनदेखी कर अपने परिचित निविदादाता को 3 प्रतिशत की धरोहर राशि लिए बिना ही पचास लाख रुपये की निविदा जारी कर दी।

सरपंच विजय बैरवा का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन के बावजूद ग्राम पंचायत भवन का निर्माण करवाया, जिसे माननीय उच्च न्यायालय की अवमानना मानते हुए नोटिस जारी किए गए, जो कि वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय के विचाराधीन हैं। निर्माण समिति को भंग करने व एस.एस.ओ. आईडी को पुन: चालू किए जाने की गुहार कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से की जा चुकी है लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कांग्रेस कार्यकाल में बंद हुई सरपंच की एसएसओ आईडी भाजपा शासन आने के बाद अब भी बंद है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button