विदेश

क्या फिर भारत की सरफरस्ती में चलेगा बांग्लादेश, भारत की शरण में हसीना

बांग्लादेश
बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना के भारी हिंसा और बवाल के बीच देश छोड़ने की खबरें हैं। बांग्लादेश के एक अखबार की रिपोर्ट है कि शेख हसीना मिलिट्री के हेलिकॉप्टर में सवार होकर भारत निकली हैं। वह भारत में शरण ले सकती हैं। शेख हसीना ने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया है और अब कमान सेना ने संभाल ली है। शेख हसीना ने अपना सरकारी आवास छोड़ दिया है। वह अपनी बहन के साथ बाहर निकली हैं। बांग्लादेश के कानून मंत्री अनीसुल हक ने कहा, 'आप देखिए, क्या स्थिति बनती है। अभी हालात बेहद खराब हैं। मुझे भी नहीं पता कि क्या होगा।'

बांग्लादेश में हालात इतने बिगड़ गए हैं कि उपद्रवियों ने उनके आवास पर कब्जा जमा लिया है। भारी तोड़फोड़ की गई है। कुछ रिपोर्ट्स में उनके भारत निकलने की बात कही गई है तो वहीं उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि पीएम के बारे में कोई खबर नहीं है। स्थानीय अखबार प्रथमो डेली ने लिखा है कि शेख हसीना अपनी छोटी बहन रेहाना के साथ एक चौपर से निकली हैं। वह भारत में किसी स्थान पर शरण लेने वाली हैं। आज ही दोपहर 3 बजे उन्होंने अपना घर छोड़ा है। डेली स्टार ने भी ऐसी ही रिपोर्ट दी है। इस बीच प्रदर्शनकारी हजारों छात्रों ने ढाका मार्च निकाला है। अब ये लोग राजधानी पहुंच रहे हैं। वहीं बड़ी संख्या में पहले ही ढाका में लोग जुटे हैं।

आर्मी चीफ ने उपद्रव के लिए पाक एजेंसी ISI पर फोड़ा ठीकरा
बांग्लादेशी सेना के जनरल वकार-उज-जमां ने टेलीविजन पर दिए अपने संबोधन में पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई को इस हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया है। बांग्लादेश में यह पूरा विवाद 1971 के स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लेने वाले लोगों के परिजनों को सरकारी नौकरियों और दाखिलों में आरक्षण के विरोध से शुरू हुआ था। अब तक इस हिंसा में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। शेख हसीना सरकार ने आंदोलन को कुचलने के लिए सेना को ही उतार दिया था, जिससे विवाद और बढ़ गया। हसीना को भारत समर्थक माना जाता है।

सेना करने जा रही अंतिम सरकार का गठन
सेना के मुखिया वकार-उज-जमां ने कहा कि सत्ता का हस्तांतरण चल रहा है। एक अंतरिम सरकार का गठन किया जाएगा। सभी हत्याओं की जांच की जाएगी। सेना पर जनता को भरोसा रखना होगा। इसके साथ ही उन्होंने जनता से शांति की अपील भी की। उन्होंने जनता से अपील की, 'आप हम लोगों पर भरोसा करें। साथ मिलकर काम करेंगे। कृपया मदद करें। हमें लड़ने से कुछ भी फायदा नहीं होगा। संघर्ष को टालिए। हम मिलकर एक सुंदर देश बनाएंगे।'

 

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