2030 तक 40 अरब डॉलर के परिधान निर्यात लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी
क्षमता वृद्धि से 40 अरब डॉलर के परिधान निर्यात लक्ष्य को हासिल करने में मिलेगी मदद: एईपीसी
2030 तक 40 अरब डॉलर के परिधान निर्यात लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी
पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में नहीं किया कोई बदलाव
नई दिल्ली
उत्पादन क्षमताओं में महत्वपूर्ण वृद्धि और कार्यबल के कौशल विकास जैसे उपायों से 2030 तक 40 अरब अमेरिकी डॉलर के परिधान निर्यात लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
भारतीय परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) ने यह बात कही। एईपीसी के चेयरमैन सुधीर सेखरी ने कहा कि सिलाई करने और गुणवत्ता जांचने जैसे कुशल श्रमिक अभी भी पर्याप्त संख्या में नहीं हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि व्यस्त सत्र के दौरान श्रमिक अपने मूल गांवों में चले जाते हैं, जिससे कमी पैदा हो जाती है।
सेखरी ने कहा, ”2030 तक आरएमजी (रेडीमेड परिधान) निर्यात को 40 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का हमारा लक्ष्य साकार हो सकता है, और इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए हर संभव कदम उठाना मेरा कर्तव्य है।”
उन्होंने कहा, ”हमें अपनी क्षमताएं बढ़ाने की जरूरत है, क्योंकि भारत में निर्यात कारोबारी अभी भी बड़ी मात्रा वाले ऑर्डर संभालने में असमर्थ हैं।” उन्होंने कहा कि परिषद कार्यबल को कुशल बनाने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है।
सेखरी ने कहा, ”हम हर साल 1.5 लाख कुशल श्रमिक तैयार कर रहे हैं, लेकिन यह अभी भी पर्याप्त नहीं है। जिस वृद्धि का लक्ष्य हमने तय किया है, उसे हासिल करने के लिए हमें अपने कार्यबल को और बेहतर बनाने की जरूरत है।”
पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में नहीं किया कोई बदलाव
कराची
पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने लगातार छठी बार अपनी नीति बैठक में प्रमुख उधारी दर में कोई बदलाव नहीं करते हुए इसे 22 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर बरकरार रखा।
इसबीच पड़ोसी देश में नवनिर्वाचित सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ राहत पैकेज की अगली किश्त हासिल करने के लिए चर्चा कर रही है। आईएमएफ को यह तय करना है कि क्या पाकिस्तान ने 1.1 अरब डॉलर की अगली किश्त पाने के लिए जरूरी शर्तों को पूरा कर लिया है।
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने लगातार छठी नीति बैठक में अपनी प्रमुख नीति दर को 22 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। एसबीपी ने एक बयान में कहा कि केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने बैठक की और वर्तमान आर्थिक वृद्धि की समीक्षा की।
एमपीसी ने यथास्थिति बनाए रखने के संबंध में कहा कि हालांकि मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट आई है, फिर भी यह काफी अधिक है, और इसलिए केंद्रीय बैंक जोखिमों के प्रति संवेदनशील बना हुआ है। समिति ने कहा कि आंकड़ों से आर्थिक गतिविधियों में मामूली तेजी का पता चल रहा है।