योगी के शासनकाल में जो भी दोषी पाया जाता है, उस पर कठोर कार्रवाई की जाती है : स्वतंत्र देव सिंह
गाजीपुर
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने अयोध्या रेप कांड पर डीएनए टेस्ट की मांग की है। उनकी इस मांग पर भाजपा नेता और योगी सरकार में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि योगी के शासनकाल में जो भी दोषी पाया जाता है, उस पर कठोर कार्रवाई की जाती है। दोषी कोई भी नहीं बचा सकता है और न ही उसका कोई सहयोग कर सकता है। कोई भी व्यक्ति अगर कानून के साथ खिलवाड़ करता है, या फिर जनता के साथ बदसलूकी करता है, तो उसके खिलाफ हमारी सरकार कठोर कदम उठाती है। दरअसल समाजवादी पार्टी के एक्स अकाउंट से एक पोस्ट किया गया, इसके जरिए अखिलेश यादव ने अयोध्या रेप कांड पर डीएनए टेस्ट की मांग की है। सपा के पोस्ट में लिखा गया, ”अखिलेश यादव ने कहा है कि अयोध्या के भदरसा मामले में बिना डीएनए टेस्ट के भाजपा का आरोप दुराग्रह पूर्ण माना जाएगा। कुकृत्य के मामले में जिस पर भी आरोप लगा है, उसका डीएनए टेस्ट कराकर इंसाफ का रास्ता निकाला जाए न कि केवल आरोप लगाकर सियासत की जाए।
जो भी दोषी हैं उसे कानून के हिसाब से पूरी सजा दी जाए, लेकिन अगर डीएनए टेस्ट के बाद आरोप झूठे साबित हों तो इसमें संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।” अखिलेश यादव ने सरकार से पीड़ित परिवार को तत्काल 20 लाख रुपए की सहायता प्रदान करने की भी मांग की है। उन्होंने एक्स पर लिखा,”उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त है। हर दिन हत्या, लूट, दुष्कर्म की घटनाएं हो रही हैं। भाजपा सरकार घटनाओं को रोकने में विफल है। सरकार असली अपराधियों को बचाती रही है। सत्ता के संरक्षण में भाजपा समर्थक भी तमाम अपराधों में संलिप्त पाये गए हैं। अपराधियों में भाजपा सरकार का खौफ नहीं रह गया है। वे भाजपा नेता की बेटी का अपहरण करने से भी नहीं डर रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी के प्रदेश में कानून व्यवस्था की बेहतरी के दावे झूठे साबित हो रहे हैं। निकम्मी भाजपा सरकार से लोग ऊब गए है।” सपा के पोस्ट में लोकसभा चुनाव में अयोध्या में हुई हार पर भाजपा पर तंज कसा गया। पोस्ट में लिखा, ” भाजपा अयोध्या की हार पचा नहीं पा रही है। भाजपा ने अयोध्या में सात सालों में जो भ्रष्टाचार और जमीन की लूट की है, अयोध्या और प्रदेश की जनता ने उसी की सजा दी है। भाजपा इसी तरह से अन्याय अत्याचार करती रहेगी, तो जनता लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा के उपचुनाव में भी भाजपा का सफाया करेगी। 2027 के विधानसभा चुनाव में भी प्रदेश की जनता भाजपा को सत्ता से बेदखल कर अन्याय का जवाब जरूर देगी।”
सपा ने हाल ही में लखनऊ के गोमती नगर में हुई घटना का भी जिक्र किया और लिखा,”लखनऊ की घटना में भी समाजवादी पार्टी को बदनाम करने की नापाक और असफल कोशिश की गई, जबकि समाजवादी पार्टी ने उस घटना की पहले ही निंदा की है। उसमें तीन दर्जन नामों की चर्चा है, भाजपा में हिम्मत है, तो वह तथाकथित आरोपियों के बारे में श्वेत पत्र जारी करे। भाजपा साजिश के तहत समाजवादी पार्टी के विरूद्ध झूठे आरोप लगाती रही है।”
सपा अपने नेता पर सख्त से सख्त कार्रवाई करे : बांसुरी स्वराज
अयोध्या में 12 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप मामले में नई दिल्ली सांसद बांसुरी स्वराज ने सपा को नसीहत दी है। कहा कि घिनौना काम करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। बांसुरी ने कहा कि अयोध्या में महज 12 साल की बच्ची के साथ जो हैवानियत हुई है वह शर्मसार कर देने वाली है। ऊपर से सपा जिस तरह से बयानबाजी कर रही है वह बेहद ही शर्मसार है।
हैरानी तो इस बात की है वहां के स्थानीय सांसद ने अपना पल्ला झाड़ लिया यह कहते हुए कि उन्हें इस घटना के बारे में कुछ पता ही नहीं है। आरोपी सपा का नेता है और समाजवादी पार्टी को सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। बीते दिनों गैंगरेप के आरोपी मोईद खान के बेकरी पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाया था। वहीं, खाद्य विभाग की ओर से छापेमारी कर सामान को जब्त कर जांच के लिए भेजा गया है। इससे पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि आरोपी पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। दूसरी तरफ सीएम ने विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाते हुए समाजवादी पार्टी को घेरने का काम किया था। 12 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप मामले में समाजवादी पार्टी के नेता का नाम आने के बाद अखिलेश यादव ने भी एक्स पर पोस्ट किया।
रविवार को एक पोस्ट में उन्होंने लिखा कि बलात्कार पीड़िता के लिए सरकार अच्छे-से-अच्छा चिकित्सीय प्रबंध कराए। बालिका के जीवन की रक्षा की ज़िम्मेदारी सरकार की है। न्यायालय से विनम्र आग्रह है कि स्वत: संज्ञान लेकर स्थिति की संवेदनशीलता और गंभीरता को देखते हुए अपने पर्यवेक्षण में पीड़िता की हर संभव सुरक्षा सुनिश्चित करवाएं। बदनीयत लोगों का इस तरह की घटनाओं का राजनीतिकरण करने का मंसूबा कभी कामयाब नहीं होना चाहिए।