देश

सीएम धामी ने कहा, ‘केदारनाथ से 7000 से ज़्यादा को निकाला, फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना प्राथमिकता’

केदार घाटी आपदा : सोनप्रयाग में पैदल पुल बनाने में जुटी सेना, रेस्क्यू कार्यों में आएगी तेजी

सीएम धामी ने कहा, ‘केदारनाथ से 7000 से ज़्यादा को निकाला, फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना प्राथमिकता’

 सोनप्रयाग-गौरी कुंड के बीच वाशआउट एरिया में पैदल पुल बनाने का कार्य शुरू

देहरादून/शिमला
 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर सोनप्रयाग में पुल निर्माण प्रारंभ हो गया है। जल्द ही चारधाम यात्रियों के लिए पुल बनकर तैयार होगा। आपदा प्रभावित राज्य उत्तराखंड में रेस्क्यू कार्यों में सेना ने मदद का हाथ बढ़ाया है। इससे रेस्क्यू कार्यों में तेजी आएगी। केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर फंसे यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए शासन-प्रशासन लगातार मुस्तैदी से कार्य कर रहा है। रेस्क्यू कार्यों में तेजी लाने के लिए अब सेना की भी मदद ली जा रही है। रुद्रप्रयाग जनपद में तैनात छह ग्रेनेडियर यूनिट कर्नल हितेश वशिष्ठ के नेतृत्व में सेना रास्तों को पुनर्स्थापित करने और पुल बनाने के अलावा सर्च ऑपरेशन में मदद करेगी। प्राथमिकता के आधार पर पहले सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वाशआउट हुए मार्ग पर पैदल पुल बनाया जा रहा है।जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, पुलिस अधीक्षक डॉ. विशाखा अशोक भदाणे मौके पर इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

सीएम धामी ने कहा, ‘केदारनाथ से 7000 से ज़्यादा को निकाला, फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना प्राथमिकता’

 केदारनाथ में हुई अतिवृष्टि और लैंडस्लाइड की घटना के बाद वहां फंसे यात्रियों को निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में हजारों यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है जबकि अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है इसके साथ ही जो लोग फंसे हुए हैं उनके लिए खाने पीने का इंतजाम भी किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री का कहना है कि बारिश की वजह से हुए लैंडस्लाइड के कारण कई रास्ते टूटे हुए हैं कई घरों को नुकसान पहुंचा है और जो लोग फंसे हुए हैं प्राथमिकता के तौर पर उनको निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन भी तेजी से किया जा रहा है। अब तक 7 हजार से ज्यादा यात्रियों को रेस्क्यू कर लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ मार्ग में जो यात्री फंसे हुए हैं उनके लिए खाने-पीने के राशन की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है।

हिमाचल में 37 दिनों में बादल फटने, फ़्लैश फ्लड औऱ भूस्खलन की 47 घटनाएं, 10 की मौत, 46 लापता

हिमाचल प्रदेश में इस बार भी मानसून तबाही मचा रहा है। पिछले साल की तरह इस साल भी मानसून ने प्रदेशवासियों को गहरे जख्म दिये हैं। राज्य के कई हिस्सों में मूसलाधार वर्षा का तांडव देखने को मिला है। बाढ़ व भूस्खलन ने परिवार के परिवार खत्म कर दिए हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के आंकड़े स्तब्ध करने वाले हैं।

परिचालन केंद्र की रिपोर्ट में मानसून सीजन के पिछले 37 दिनों में प्रदेश में फ़्लैश फ्लड, भूस्खलन व बादल फटने की 47 घटनाएं सामने आई हैं। राज्य के 22 स्थानों पर फ़्लैश फ्लड ने कहर बरपाया, 17 स्थानों पर भूस्खलन और आठ जगह बादल फटने से तबाही हुई। इनमें 10 लोगों की जान गई और 46 लापता हो गए। चार लोग घायल हैं।

आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार बादल फटने की अलग-अलग घटनाओं में 120 घर क्षतिग्रस्त हुए, जिनमें 64 घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए जबकि 37 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचाया। फ्लैश फ्लड ने 18 और भूस्खलन ने एक घर को धराशायी किया। फ्लैश फ्लड, भूस्खलन और बादल फटने से 14 दुकानें भी बह गईं। इससे 24 पशुशालाएँ भी ध्वस्त हुईं और 54 मवेशियों की जान गई।

बादल फटने की ज़्यादातर घटनाएं शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों में सामने आईं। 31 जुलाई की रात इन तीन जिलों में बादल फटने से 10 लोग मारे गए और 45 लापता हैं। शिमला जिला के रामपुर उपमण्डल का समेज गांव बादल फटने से पूरी तरह तबाह हो गया। हादसे में 36 लोग लापता हैं।

शिमला के समेज में सर्च ऑपरेशन चौथे दिन जारी, लापता लोगों का नहीं मिला सुराग

शिमला के समेज में बादल फटने की घटना के बाद लापता 36 लोगों को ढूंढने का कार्य लगातार चौथे दिन जारी है। सर्च ऑपरेशन के तीसरे दिन भी लापता लोगों का कोई सुराग नहीं मिल पाया था। ऐसे में अब सर्च ऑपरेशन में लाइव डिटेक्टर डिवाइस और स्निफर डॉग की मदद ली जा रही है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ पुलिस, आईटीबीपी, होमगार्ड के जवान करीब 85 किलोमीटर एरिया में सर्च ऑपरेशन में जुटे हैं।

होमगार्ड कमांडेंट आरपी नेपटा ने बताया कि बीती शाम रिव्यू मीटिंग हुई है। जिसमें सभी रेस्क्यू दलों को अलग-अलग टास्क दिए गए हैं। बीते कल पुल बनाने में नदी पार करने में कुछ समय जरूर लगा लेकिन आज बैली ब्रिज बनाए जा रहे हैं। सर्च ऑपरेशन के चौथे दिन संभावना है कि अधिक से अधिक शवों को निकाल लिया जाएगा।

अगले चार दिन भारी वर्षा की चेतावनी, येलो अलर्ट

राज्य में पिछले 24 घण्टों के दौरान भारी बारिश में कमी आने से लोगों ने राहत की सांस ली है। बिलासपुर के बरठीं में 19 और कांगड़ा जिला के मुख्यालय धर्मशाला में 14 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई है। इसके अलावा कांगड़ा व कुकुमसेरी में नौ-नौ और मनाली में छह मिलीमीटर वर्षा हुई। राजधानी शिमला सहित राज्य के अधिकांश हिस्सों में आज सुबह से बादल छाए हुए हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने आगामी 10 अगस्त तक राज्य में मौसम के खराब रहने का अनुमान जताया है। आठ अगस्त तक राज्य के मैदानी व मध्यपर्वतीय इलाकों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है।

मौसम विभाग ने लोगों व सैलानियों को नदी-नालों से दूरी बनाए रखने और भूस्खलन सम्भावित इलाकों की यात्रा न करने की हिदायत दी है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button