उत्तर प्रदेश

गुरुग्राम में शाम समय खास अलर्ट! 18 महीने में 647 की मौत, इन 12 घंटों के दौरान सफर में बरतें सावधानी

 गुरुग्राम

दिल्ली से सटे एनसीआर के शहर गुरुग्राम में हर साल एक हजार सड़क हादसों में 400 से ज्यादा लोगों की जान जा रही है। गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस और राहगीरी फाउंडेशन ने मिलकर साल 2023 में हुई सड़क दुर्घटनाओं और मौत के कारण को जानने के लिए सर्वे किया। इसमें कई चौकानें वाले तथ्य सामने आए। साल 2023 की क्रैश रिपोर्ट के अनुसार जिले में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं और मौत 6 छह बजे से सुबह 6 बजे के बीच हो रही है।

दुर्घटनाएं और हादसों को कम करने के लिए यह सर्वे किया गया था। ऐसे में आने वाले एक साल में मिलकर 20 फीसदी तक सड़क दुर्घटना और मौत को कम करने का लक्ष्य रखा गया है। क्रैश रिपोर्ट के अनुसार साल 2023 में 1190 सड़क दुर्घटनाओं में 439 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा 1020 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इन दुर्घटनाओं में 62 फीसदी मौतें शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे के बीच में हुई थी। 58 फीसदी दुर्घटनाएं भी रात के समय में हुई थीं।

विशेषज्ञों की मानें तो रात के चलने के लिए गुरुग्राम की सड़कें सुरक्षित नहीं हैं। गुरुग्राम में 20 घंटे में एक युवक की सड़क दुर्घटनाओं में मौत हो जाती है। ट्रैफिक पुलिस के द्वारा तैयार किए गए आंकड़े में इसका खुलासा हुआ है।

कई सड़कों पर तकनीकी खामियां : सड़क सुरक्षा एक्सपर्ट नवदीप सिंह ने बताया कि रात में चलने के लिए शहर की सड़कें सुरक्षित नहीं है। इन सड़कों पर रात में पर्याप्त रोशनी नहीं होने के साथ-साथ खराब रोड इंजीनियरिंग, पर्याप्त साइनेज बोर्ड और रिफ्लेक्टर नहीं होना भी एक बड़ा कारण है। इसके अलावा दिल्ली-जयपुर हाईवे, कुंडली-मानेसर-पलवल सहित शहर की अंदरुनी सड़कों पर अवैध वाहनों की पार्किंग भी एक हादसों का बड़ा कारण माना गया है। इसके अलावा वाहन चालक रात में शॉर्ट-कट के चक्कर में गलत दिशा में वाहन चलाने से वह अपने साथ-साथ दूसरे की जान भी जोखिम में डालते है। पुलिस का जागरुकता अभियान भी बेअसर हो रहा है।

राष्ट्रीय राजमार्ग परहोते हैं अधिक हादसे

क्रैश रिपोर्ट के अनुसार, गुरुग्राम में सड़कों के जाल का कुल 2.1 प्रतिशत हिस्सा राष्ट्रीय राजमार्ग का पड़ता है, लेकिन चिंता की बात है कि सिर्फ 2.1 प्रतिशत हिस्से में 45 फीसदी सड़क दुर्घटनाएं और मौत होती है। जबकि 55 फीसदी मौतें और दुर्घटनाए शहर की अंदरुनी सड़कों में होती हैं। ऐसे में रात में राष्ट्रीय राजमार्ग पर दुर्घटनाओं के कई कारण हैं। इनमें सही से रिफ्लेक्टर नहीं होना, तेज रफ्तार, पर्याप्त रोशनी और अवैध पार्किंग के साथ-साथ खराब रोड इंजीनियरिंग एक बड़ा कारण है।

इन पांच सड़कों पर रात में आवागमन खतरे भरा

साल 2023 की क्रैश रिपोर्ट के सर्वे में सामने आया कि सप्ताह में सबसे ज्यादा हादसे बुधवार के दिन होते है। इसके अलावा रात में शहर की पांच सड़कें सबसे ज्यादा असुरक्षित होती है। जिनमें सबसे ज्यादा हादसे होने का डर रहता है। इनमें दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेस-वे पर बने एसपीआर क्लोवरलीफ, घाटा गांव चौक, गोल्फ कोर्स रोड, एमजी रोड और फर्रुखनगर है। इन सड़कों पर रात में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं और मौतें रात के समय में होती है।

चालान भी काटे जा रहे

ट्रैफिक पुलिस ने यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले दो हजार वाहन चालकों के चालान काटे जाते हैं। एक हजार चालान ट्रैफिक पुलिस के जोनल ऑफिसर काटते हैं, जबकि एक हजार से ज्यादा चालान रोजाना सड़कों पर लगे सीसीटीवी कैमरों से काटे जाते है।

राहगीरी फाउंडेशन की सारिका पांडा भट्ट ने कहा, ''हादसे और मौत के कारणों को जानने के लिए सर्वे कर क्रैश रिपोर्ट 2023 तैयार की गई है। उस रिपोर्ट के आधार पर ग्राफ को कम करने के लिए कमियों को ठीक किया जाएगा, ताकि सुबह घर से निकले लोग रात को घर जरूर परिवार के पास पहुंचे और होने वाले सड़क हादसों की संख्या में कमी भी आ सके।''

डीसीपी ट्रैफिक वीरेंद्र विज, ''शहर की सड़कों पर रात में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं हो रही है, इसमें कई लोग जान गंवा रहे हैं। हादसे कम करने के लिए सभी विभागों के साथ मिलकर जल्द एक एक्शन प्लॉन तैयार किया जाएगा। इस पर सभी मिलकर काम करेंगे। इस साल में 20 फीसदी सड़क दुर्घटनाएं और हादसों को कम करने का लक्ष्य रखा गया है।''

 

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