उत्तराखंड में पर्वतारोहण के लिए आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा को गम्भीरता से लेते हुए अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने शीत लहर संबंधित तैयारियों की समीक्षा
देहरादून
उत्तराखंड में पर्वतारोहण के लिए आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा को गम्भीरता से लेते हुए अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य में ट्रैकिंग एजेंसियों तथा कम्पनियों के पंजीकरण की व्यवस्था को पुख्ता करने, प्रदेश में एक प्रभावी पर्वतारोहण नीति या मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाने के साथ ही प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) को ट्रैकिंग के लिए आने वाले पर्यटकों की जानकारी जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के साथ अनिवार्यत: सांझा करने के निर्देश दिए हैं।
रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को भी इस सम्बन्ध में डीएफओ, पर्यटन विभाग तथा ईको टूरिज्म से समन्वय करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि समय पर ट्रैकिंग एसओपी प्रभावी न होने की दशा में प्रदेश में आने वाले पर्वतारोहियों की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही की घटना के लिए वन विभाग को सीधे तौर पर उत्तरदायी ठहराया जाएगा तथा कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने वन विभाग को सख्त हिदायत दी है कि ट्रैकिंग एजेंसियों के लिए भी एक ठोस एसओपी के साथ ही ट्रैकर्स के लिए पुख्ता सुरक्षा मापदण्ड, बीमा, प्रशिक्षित गाइड्स, स्नो इक्वपमेन्ट्स, स्वास्थ्य प्रमाण पत्र, बेसिक मेडिसिन की तत्काल व्यवस्था को लागू किया जाए।
अपर मुख्य सचिव ने गुरुवार को सचिवालय में प्रदेश में शीत लहर के सम्बन्ध में प्रशासन की तैयारियों की समीक्षा के दौरान निर्माणाधीन स्थलों में रहने वाले जरूरतमंदों श्रमिकों के शीत लहर से बचाव एवं राहत के लिए श्रम विभाग को तत्काल सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने घने कोहरे के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के दृष्टिगत हरिद्वार तथा उधमसिंह नगर जिलों में यातायात तथा पुलिस विभाग कों विशेष रूप से अलर्ट मोड पर रहने की हिदायत दी है। इसके साथ ही, उन्होंने फायर डिपार्टमेंट को आग की घटनाओं को रोकने के लिए सभी तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए हैं। जरूरतमंदों की मदद के लिए दान किए जाने वाले गर्म कपड़ों को एकत्रित एवं वितरित करने के लिए रतूड़ी ने एक पोर्टल बनाने के भी निर्देश बैठक में दिए हैं।
बैठक में अपर मुख्य सचिव द्वारा लोक निर्माण विभाग को सड़कों की कनेक्टिविटी बनाए रखने, जेसीबी की व्यवस्था करने, सड़कों से पाला हटाने के लिए परम्परागत उपायों के साथ नए समाधानों पर कार्य करने निर्देश दिए गए। इस दौरान सभी जनपदों को सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने की व्यवस्था एवं कम्बलों के वितरण, अस्थाई रैनबसेरो में बिजली, पानी, बिस्तर एवं साफ-सफाई की व्यवस्था करने, इस सम्बन्ध में पृथक से नोडल अधिकारी नामित करने, सभी जनपदों में खाद्य आपूर्ति, पेयजल एवं ईधन की जनवरी माह के अन्त तक के लिए पर्याप्त मात्रा में भंडारण करने, चिकित्सा स्वास्थ्य हेतु आपातकालीन सेवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।