राजस्थान में आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्रों को ‘प्ले स्कूल’ की तर्ज पर विकसित किया जाएगा- मंत्री बाघमार
जयपुर
राजस्थान में आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्रों को ‘प्ले स्कूल’ की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मंजू बाघमार ने राजस्थान विधानसभा में यह बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं एवं बच्चों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए कृत संकल्पित है।
उन्होंने कहा कि बच्चों को पोषाहार के रूप में सप्ताह में तीन दिन दूध दिया जाएगा, 2000 आदर्श आंगनवाड़ी के साथ ही ब्लॉक स्तर पर 365 आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र बनाये जाएंगे। वहीं, लाडो प्रोत्साहन योजना जैसी योजनाओं से बालिका सशक्तीकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के मानदेय में 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
डॉ. बाघमार को विधानसभा में महिला एवं बाल विकास विभाग (मांग संख्या-32) की अनुदान मांग पर हुई बहस का जवाब दे रही थीं। चर्चा के बाद सदन ने महिला एवं बाल विकास विभाग की 32 अरब 12 करोड़ 10 लाख 34 हजार रुपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी।
मंत्री ने बताया कि वर्तमान में राज्य की 365 बाल विकास परियोजनाओं के अधीन 62 हजार से अधिक आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से पूरक पोषाहार, पाठशाला पूर्व शिक्षा, पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच एवं संदर्भ सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से दी जा रही विभिन्न सेवाओं से राज्य की लगभग 42 लाख गर्भवती एवं माताओं, किशोरी, बालिकाओं एवं छह वर्ष तक के बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है।
डॉ. बाघमार ने बताया कि प्रदेश में ग्राम पंचायत स्तर पर पोषण पंचायतों का गठन किया गया है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत 50 हजार के लक्ष्य के मुकाबले 85 हजार 500 पात्र महिलाओं को योजना का लाभ दिया गया है। उन्होंने बताया कि योजना में अब तक लगभग 26 लाख 35 हजार लाभार्थियों को लगभग 959.70 करोड़ की राशि हस्तांतरित की जा चुकी है।