रामलला का सूर्य की किरणों से हुआ सूर्य तिलक, दिखी अनोखी छटा, मंत्रमुग्ध हुए देशवासी
अयोध्या
रामनवमी के दिन वैज्ञानिक दर्पण के जरिए सूर्य की किरण को भगवान रामलला के मस्तक पर पहुंचाया गया. इस दौरान सूर्य की किरणों ने लगभग 4 मिनट तक रामलला के ललाट की शोभा बढ़ाई. शंखों की ध्वनि, मंत्रोच्चारण और पुजारियों की मौजूदगी में सूर्य तिलक के अवसर को और भी शानदार बना दिया. दूसरी ओर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि श्री रामनवमी की पावन बेला में आज, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्री रामलला सरकार का दिव्य अभिषेक किया गया.
सुबह से ही भक्तों की उमड़ी भीड़ है. रामनवमी के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या में राम मंदिर में भगवान रामलला के दर्शन करने के लिए पहुंचे हैं. रामनवमी के अवसर पर अयोध्या में राम मंदिर के साथ ही हनुमानगढ़ी में भी बड़ी संख्या में भक्तों की रौनक है.
रामलला के मस्तक पर 5 मिनट तक ऐसे हुआ सूर्य तिलक
आज रामनवमी पर अयोध्या के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद विराजमान रामलला का पहला सूर्य तिलक हुआ। दोपहर 12 बजकर 01 मिनट पर वैज्ञानिकों के द्वारा बनाई तकनीक से रामलला के मस्तक पर सूर्य तिलक हुआ। जैसे ही रामलला के मस्तक पर सूर्य की पहली किरण पहुंची मंदिर का वातावरण भक्ति भाव में डूब गया। विधि-विधान के साथ भगवान राम की पूजा की गई और मंगल गीत और भजन गाया गया।
रामलला का सूर्याभिषेक खत्म, भजन-कीर्तन जारी
राम नवमी पर आज अयोध्या के राम मंदिर में भगवान राम का सूर्य तिलक किया गया। दोपहर 12 बजकर 01 मिनट पर सूर्य अभिषेक प्रारंभ हुआ, जो करीब 5 मिनट तक चला। रामलला के मस्तक जब सूर्य की किरणें पड़ी तो पूरा दृश्य अलौकिक और दिव्य दिखा। करीब 5 मिनट तक रामलला के मस्तक पर सूर्य का टिका बना रहा।
भगवान राम का सूर्याभिषेक…अयोध्या में दिखा दिव्य और अलौकिक नजारा
राम नवमी के मौके पर अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के मस्तक पर हुआ सूर्य अभिषेक। अयोध्या में दिखा अलौकिक ,अनोखा सूर्यदेव और प्रभु राम का मिलन… भारी संख्या में भक्त इस समय मंदिर में एकत्रित हैं। लगातार मंगलगीत, भजन, कीर्तन और जयघोष हो रहे हैं।
अध्यात्म और विज्ञान का विहंगम दृश्य
अध्यात्म और विज्ञान के संगम का ये विहंगम दृश्य हमें आज देखने को मिला. 500 साल बाद अभिजीत मुहूर्त में रामलला के विग्रह का सूर्याभिषेक किया गया. इस वजह से राम मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे हैं. इस अद्भुत नजारे के कई ट्राइल भी किए गए थे. मंगलवार को भी इसका ट्राइल किया गया. इस सूर्याभिषेक के दौरान तकरीबन 4 से 6 मिनट तक रामलला की मूर्ति के मस्तक पर सूर्य तिलक किया गया. सूर्य की रोशनी रामलला पर इस तरह पड़ीं, मानो भगवान राम को सूर्य तिलक लगाया हो. इस दृश्य ने हर किसी का मन मोह लिया.
साथ न लाएं मोबाइल फोन
आज अयोध्या में लगभग 25 लाख भक्तों के पहुंचने का अनुमान लगाया गया है. हालांकि ये एक अनुमान है लेकिन इसकी तैयारियां उसी हिसाब से की गई हैं. आपको बता दें की आप अंदर मोबाइल फोन या कोई भी कीमती समान न ले जाएं, इसकी मनाही है. साथ ही वीआईपी दर्शन और पास फिलहाल काम नहीं करेंगे. ट्रस्ट के अधिकारियों ने खुद वीआईपी लोगों से इस बात की गुजारिश की है की वह राम नवमी पर मंदिर न आएं, ताकी सारी सुरक्षा व्यवस्था सही रहे. इसके अलावा. रामनवमी के मौके पर मंदिर रात 11 बजे तक खुला रहेगा. बीच-बीच में भोग और आरती भी होगी. इस दौरान गर्भगृह के अंदर की तस्वीरों को अयोध्या में श्रद्धालुओं तक पहुंचाने के लिए 100 LED स्क्रीन लगाई गई हैं.
18 अप्रैल तक लागू रहेगी ये व्यवस्था
दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को प्रसाद में धनिया की पंजीरी मिलेगी. ये प्रसाद उन्हें वापसी पर दिया जाएगा. इसके अलावा 15 लाख पैकेट विशेष प्रसाद भी वितरित किया जाएगा. धूप से पैर न जलें, इसके लिए मैट बिछाई जा रही है. दर्शन मार्ग पर पीने के पानी और टायलेट का भरपूर इंतजाम किया गया है. भक्त दूरदर्शन व अपने मोबाइल पर ही सूर्याभिषेक का सीधा प्रसारण देख सकेंगे. पूरे रामलला मंदिर परिसर को गुलाबी रंग की एलईडी लाइटों से रोशन किया गया है. रात में 12 बजे शयन आरती के साथ ही राममंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे. यह व्यवस्था 18 अप्रैल तक लागू रहेगी.
जानिए रामलला का कैसे हुआ सूर्य तिलक
पहला चरण- सबसे पहले मंदिर के पहले हिस्से पर लगे दर्पण पर सूर्य की रोशनी गिरेगी फिर यहां से रोशनी परावर्तित होकर पीतल के पाइप में रोशनी प्रवेश करेंगी।
दूसरा चरण- फिर दूसरे चरण में पीतल की पाइप में लगे दूसरे दर्पण से सीधे रोशनी टकराकर 90 डिग्री में बदल जाएगी।
तीसरा चरण- फिर लंबवत पीतल के पाइप में सूर्य किरणें तीन अलग-अलग लेंस से आगे बढे़ंगी।
चौथा चरण- सूर्य तिलक के चौथे चरण में किरणें तीन लेंस से गुजरने के बाद गर्भगृह के सीध में लगे दर्पण से टकराएंगी।
पांचवां चरण- यहां से किरणें एक बार फिर 90 डिग्री के कोण में मुड़कर सीधी यानी क्षैतिज रेखा में आ जाएंगी।
आखिरी चरण- आखिरी चरण में किरणें सीधे रामलाल के मस्तक पर टकराकर सूर्य तिलक करेंगी।