खेल-जगत

2014 में हुआ था बवाल-सूर्यकुमार यादव को टीम के खराब प्रदर्शन के लिए कप्तानी छोड़नी पड़ी थी

नई दिल्ली
सूर्यकुमार यादव को भारत की टी20आई टीम का कप्तान बनाया गया है। वे 27 जुलाई को रेगुलर कैप्टन के तौर पर टीम इंडिया की अगुआई करते हुए नजर नजर आएंगे। रोहित शर्मा के टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट लेने के बाद टी20 क्रिकेट के लिए चयनकर्ताओं को नया कप्तान चुनना था। हार्दिक पांड्या रेस में आगे थे, लेकिन चीफ सिलेक्टर अजीत अगरकर और हेड कोच गौतम गंभीर की पहली पसंद सूर्यकुमार यादव निकले, क्योंकि हार्दिक पांड्या के साथ फिटनेस का मसला है। हालांकि, एक रिपोर्ट ये भी सामने आई थी कि सूर्या की कप्तानी को खिलाड़ी पसंद करते हैं, क्योंकि वे नवंबर-दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरीज में टीम की कप्तानी कर चुके हैं, लेकिन आपको एक बात जानकर हैरानी होगी कि एक समय ऐसा भी था, जब सूर्यकुमार यादव को साथी खिलाड़ियों की शिकायत के बाद कप्तानी छोड़नी पड़ी थी।

कप्तान के तौर पर सूर्यकुमार यादव को उतना अनुभव नहीं है। वे 24 टी20 मैचों में कप्तानी कर चुके हैं, जिनमें से 16 मैच टीम जीती है। इनमें टी20 इंटरनेशनल, आईपीएल और डोमेस्टिक टी20 मैच शामिल है। इसके अलावा वे एज ग्रुप और टूर गेम्स में भी कप्तान रहे हैं, लेकिन साल 2014 में जब उनको पहली बार विजय हजारे ट्रॉफी के लिए मुंबई की टीम का कप्तान बनाया गया था तो उनकी आलोचना हुई थी। जहीर खान और रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में सूर्या कप्तान बने। उन्होंने अभिषेक नायर को भी पछाड़ दिया था, जो इस समय टीम के असिस्टेंट कोच हैं। वे 2014/15 रणजी सीजन के कप्तान बनाए गए थे।  

सूर्या को छोड़नी पड़ी कप्तानी
विजडन की रिपोर्ट के मुताबिक, सूर्यकुमार यादव को टीम के खराब प्रदर्शन के लिए कप्तानी छोड़नी पड़ी थी। टीम 6 में से एक मैच जीती थी। टीम 9 टीमों वाली अंकतालिका में छठे पायदान पर थी। तमिलनाडु के खिलाफ टीम को पारी की हार झेलनी पड़ी थी। इसके बाद उन्होंने कप्तानी से इस्तीफा दे दिया था। सूर्या को कप्तान के तौर पर मैदान और ड्रेसिंग रूम में अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के लिए मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने फटकार भी लगाई गई थी। खिलाड़ियों ने उनके खिलाफ शिकायत की थी। मध्य प्रदेश के खिलाफ रणजी मैच के दौरान उनके और शार्दुल ठाकुर के बीच सार्वजनिक रूप से झगड़ा भी हुआ था, जिससे ड्रेसिंग रूम का माहौल और भी खराब हो सकता था। मुंबई के मैनेजर श्रीकांत तिगड़ी ने कथित तौर पर एमसीए को एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें उनके अनुशासन संबंधी मुद्दों की बात कही गई थी, जिसके कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।

 

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