उत्तर प्रदेश

उच्चतम न्यायालय ने आशीष मिश्रा को जमानत दी, अधीनस्थ अदालत से सुनवाई में तेजी लाने को कहा

नई दिल्ली
उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2021 के लखीमपुर-खीरी हिंसा मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को सोमवार को जमानत दे दी और उसे दिल्ली या लखनऊ में ही रहने का निर्देश दिया।

हिंसा की इस घटना में आठ लोगों की मौत हो गई थी।

शीर्ष अदालत ने पिछले साल 25 जनवरी को हिंसा की ‘‘इस दुर्भाग्यपूर्ण एवं भयावह घटना’’ से जुड़े मामले में आशीष मिश्रा को अंतरिम जमानत दी थी।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने मामले में आरोपी किसानों को भी जमानत दे दी और अधीनस्थ अदालत को सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया।

पीठ ने कहा, ‘‘सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अंतरिम आदेश को अंतिम आदेश किया जाता है… हमें सूचित किया गया है कि 117 गवाहों में से अब तक सात से पूछताछ की गई है। हमें लगता है कि मुकदमे की कार्यवाही में तेजी लाने की जरूरत है।’’

पीठ ने अधीनस्थ अदालत को सुनवाई की समयसीमा तय करने का निर्देश दिया।

किसानों ने उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के क्षेत्र के दौरे के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया था, जिसके बाद जिले में हिंसा भड़क गई थी।

इस दौरान एक एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हिकल) ने चार किसानों को कुचल दिया था। इसके बाद गुस्साए किसानों ने वाहन चालक और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इस हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी।

 

 

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