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गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय समारोह की परेड से रिजेक्ट हुई दिल्ली की झांकी

नई दिल्ली.

कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की परेड में इस बार भी दिल्ली की झांकी नहीं देखेगी। केंद्र ने दिल्ली सरकार की तरफ से झांकी के लिए भेजे गए प्रस्ताव को अनुमति नहीं दी है। गणतंत्र दिवस की परेड में दिल्ली की झांकी को स्थान न मिलने पर आम आदमी पार्टी ने सवाल खड़ा किया। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा की केंद्र सरकार झांकी शामिल करने में पक्षपात कर रही है।

भाजपा शासित राज्यों की हर साल झांकी शामिल की जा रही है, दिल्ली सरकार अपनी झांकी के माध्यम से दिल्ली के विकास के मॉडल से देश को रूबरू कराना चाहती थी, मगर केंद्र सरकार ने देशवासियों से वंचित किया। आप की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि दिल्ली के विश्वविख्यात शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल को गर्व से हम गणतंत्र दिवस परेड में झांकी पर दिखाना चाहते थे, लेकिन अफसोस कि ये होने नहीं दिया। लगातार पांच साल भाजपा शासित असम, गुजरात, उत्तराखंड और यूपी को लगातार मौका दिया जा रहा है, लेकिन दिल्ली और पंजाब को पिछले साल की तरह इससे बाहर रखा गया। काश पीएम मोदी का दिल भी दिल्ली वालों जितना बड़ा होता और गणतंत्र दिवस पर देश की राजधानी दिल्ली अपना मॉडल सामने रख पाती।

आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, '26 जनवरी एक राष्ट्रीय पर्व है, इस पर सभी का अधिकार है। बार-बार दिल्ली की झांकी को 26 जनवरी की परेड के लिए रोकना अच्छी बात नहीं है। दिल्ली देश की राजधानी है इसे और प्राथमिकता मिलनी चाहिए। पंजाब के साथ केंद्र सरकार दोहरा रवैया अपना रही है। उनका पैसा रोका हुआ है। पंजाब में जो काले कृषि कानूनों को लेकर प्रदर्शन चला, 600 किसानों की जान गई इसके बाद केंद्र सरकार को उनके प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए।

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