मध्यप्रदेश

हाईकोर्ट के आदेश पर पुलिस मंदिर की जमीन पर हुए अतिक्रमण काे हटाने पहुंचा, जमकर हुई पथरबाजी

मुरैना
हाईकोर्ट के आदेश पर शुक्रवार की दोपहर राजस्व व पुलिस विभाग का दल बागचीनी चौखट्टा स्थित मंदिर की जमीन पर हुए अतिक्रमण काे हटाने पहुंचा। कार्रवाई के दौरान अतिक्रामकों ने प्रशासन की टीम पर पथराव कर दिया, जवाब में पुलिस ने लाठियां भांजी, भीड़ को काबू करने के लिए आंसू गैस व वाटर केनल तक का उपयोग किया गया। पथराव में प्रशासन के कई वाहनों के शीशे फूट गए, एक आरक्षक घायल हो गया, वहीं अतिक्रामक पक्ष की तीन महिलाओं की तबीयत बिगड़ गई, जिन्हें बेसुध हालत में सड़क पर रखकर करीब पौन घंटे तक जाम लगाया गया। बागचीनी चौखट्टा पर महादेवजी बांके दुल्हेनी मंदिर (दुल्हेनी रामजानकी मंदिर) है। इस मंदिर के नाम नेशनल हाईवे 253 किनारे तीन बीघा से ज्यादा जमीन है। इसी जमीन में से उरहेडी गांव के सर्वे नंबर 195 की 0.90 आरे जमीन हड़बांसी गांव के बालट्टर शर्मा, अवनीश शर्मा, रामप्रकाश शर्मा, रामनरेश शर्मा पुत्रगण रामसनेही शर्मा ने कब्जा कर लिया था।

रामसनेही शर्मा ने करीब 12 साल पहले इस जमीन के एक हिस्से पर परशुराम मंदिर बनवाया, उसके बाद रामसेनी के चारों बेटों ने अतिक्रण कर मंदिर की जमीन पर अलग-अलग मकान बना लिए, मकान के पिछले हिस्से में खेती कर रहे थे। वहीं हाईवे की ओर मंदिर की जमीन पर 10 दुकानें बनाकर उनका हर महीने किराया वसूल रहे थे। इसके खिलाफ मंदिर के पुजारी ऋषिकेश गोस्वामी ने ग्वालियर हाईकोर्ट में रिट पिटीशन लगाई थी, जिसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण माना और इसे हटाकर जमीन को मुक्त कराने के निर्देश मुरैना कलेक्टर को दिए गए थे। इसी क्रम में जौरा एसडीएम, तहसीलदार, तीन थानों से पुलिसकर्मी और 15 हल्कों के पटवारी दो जेसीबी लेकर कार्रवाई करने पहुंची। पहले जेसीबी से मंदिर की जमीन पर बनी दुकानें तोड़ीं, लेकिन जब चारों मकानों का नंबर आया तो परिवार की महिलाएं मकानों के दूसरी मंजिल पर चढ़ गईं।
 
महिला पुलिसकर्मियों ने बल प्रयोग करके महिलाओं को बाहर निकाला। इसके बाद जैसे ही मकानों पर जेसीबी का पंजा लगा, तभी प्रशासन की टीम पर पथराव हो गया। पथराव में जौरा एसडीएम की गाड़ी, जेसीबी, फायर ब्रिगेड, पुलिस के कुछ वाहनों के शीशे फूट गए। पथराव इतना तेज था, कि अधिकारी-कर्मचारियों में भगदड़ मच गई। जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े फिर वाटर केनल से भीड़ को तितर-बितर करने लाठियां तक भांजी, तब उपद्रव कर रही भीड़ भागी।

बेसुध महिलाओं को सड़क पर रखकर लगाया जाम
पथराव और फिर आंसू गैस छोड़ने के बीच हुए हंगामे के दौरान तीन महिला 40 वर्षीय यशोदा पत्नी विनोद शर्मा, 53 वर्षीय सीमा पत्नी महेश शर्मा और 52 साल की मीरा पत्नी रामप्रकाश शर्मा की तबीयत बिगड़ गई। तीनों महिलाएं बेसुध हो गईं। इसी बीच अफवाह फैला दी, कि पुलिस कार्रवाई में तीनों महिलाओं की मौत हो गई, बेसुध महिलाओं को सड़क पर रखकर हाईवे पर जाम लगा दिया। दोपहर सवा दो बजे से तीन बजे तक यह जाम लगा रहा। इस दौरान हाईवे पर ट्रैक्टर-ट्राली, पत्थर, लकड़ियां आदि सामान रखकर आवागमन पूरी तरह बंद कर दिया। हालात बिगड़ने की सूचना मिलते ही एएसपी डॉ. अरविंद ठाकुर मौके पर पहुंचे, उन्होंने समझाइश देकर जाम खुलवाया। तीनों महिलाओं को जिला अस्पताल भेजा, जहां उनकी हालत में सुधार है। जाम खुलवाने के बाद भीड़ को मंदिर की जमीन से दूर खदेड़ा गया, इसके बाद अतिक्रमण कर बने मकानों को जेसीबी से जमींदोज किया गया।

पहले मोहलत मांगी, फिर भी नहीं हटे
बताया गया है, कि हाईकोर्ट ने 27 मई को इस अतिक्रमण को हटाने के आदेश दिए थे। इसके बाद जौरा तहसील से अतिक्रामकाें को नोटिस दिए गए, इसके बाद राजनीतिक दबाव भी अफसरों पर आया, लेकिन हाईकोर्ट का आदेश होने के कारण कोई सिफारिश नहीं चली। अंत में कुछ लोग कलेक्टर अंकित अस्थाना के पास आए और 11 जून को परिवार के बेटी की शादी होने की बात कहते हुए मकानों को खाली करने के लिए मोहलत मांगी। कलेक्टर ने शादी के बाद 15 जून तक मकान खाली करने को कहा, जिस पर अतिक्रामक सहमत हो गए, लेकिन बाद में मकान खाली नहीं किए, इसलिए प्रशासन को सख्ती से कार्रवाई करनी पड़ी।

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