देश

बड़ा नुकसान- पाकिस्तान परस्त और स्थानीय आतंकवादियों ने अब जम्मू के उन इलाकों को निशाना बनाना शुरू किया

नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का जब भी जिक्र होता था तो दक्षिण कश्मीर को इसका गढ़ा माना जाता था। पुंछ, पुलवामा, अनंतनाग जैसे इलाकों में ही पहले आतंकवागी हमले होते थे, लेकिन इस साल नया ट्रेंड देखने को मिला है। पाकिस्तान परस्त और स्थानीय आतंकवादियों ने अब जम्मू के उन इलाकों को निशाना बनाना शुरू किया है, जो अब तक सुरक्षित माने जाते थे। ऐसे में यह सवाल भी उठता है कि आखिर क्यों आतंकवादी अब जम्मू इलाके को निशाना बनाने लगे हैं। इस साल अब आतंकवादियों ने जम्मू क्षेत्र में कुल 11 हमले किए हैं। इन आतंकी हमलों में 12 सुरक्षाकर्मी शहीद हो चुके हैं, जबकि 10 नागरिकों ने जान गंवाई है।

इन हमलों से निपटना कितना चुनौतीपूर्ण रहा है। इसे ऐसे समझा जा सकता है कि इन हमलों में महज 5 आतंकियों को ही ढेर करने में सफलता मिल सकी है। सुरक्षा एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसकी वजह यह है कि आतंकवादियों ने नए इलाकों को टारगेट करना शुरू किया है, जहां की स्टडी सुरक्षा बलों की कम है। इसके अलावा कश्मीर में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती के चलते भी आतंकवादी अब वहां सफल नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में उन्होंने जम्मू के इलाकों को टारगेट किया है। यही नहीं आतंकवादी जम्मू में हमले करके यह संदेश देना चाहते हैं कि उनकी जद में पूरा केंद्र शासित प्रदेश है।

राजौरी में 22 अप्रैल को हमला
आतंकवादियों ने राजौरी जिले के कुंडा टोपे निवासी सरकारी कर्मचारी मोहम्मद रज़ाक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वह टेरिटोरियल आर्मी के एक जवान के भाई थे।

डिफेंस गार्ड का कत्ल
उधमपुर के चोचरू गाला की पहाड़ियों पर स्थित बसंतगढ़ इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ में गांव के डिफेंस गार्ड मोहम्मद शरीफ मारे गए थे। यह घटना 28 अप्रैल की है।

एयरफोर्स के जवान की हत्या
आतंकवादियों ने 4 मई को इंडियन एयरफोर्स के जवान विक्की पहाड़े का कत्ल कर दिया था और 4 जांबाज जख्मी हुए थे। यह घटना सुरनकोट की है, जब आतंकवादियों ने घात लगाकर काफिले पर हमला किया था।

तीर्थयात्रियों की बस पर हमला
आतंकवादियों ने 9 जून को रियासी में तीर्थयात्रियों से भरी बस पर हमला बोल दिया था। इस हमले में 9 लोगों की मौत हो गई थी और 42 लोग जख्मी हुए थे। इस हमले के चलते बस पहाड़ी से नीचे खाई में गिर गई थी। इसमें कटरा से शिवखोड़ी जा रहे तीर्थयात्री सवार थे।

11 जून को पुलिस चौकी पर हमला
भद्रवाह के छतरगाला में आतंकियों ने सुरक्षा चौकी पर हमला बोला था। इस हमले में 5 सैनिक और एक पुलिस कर्मी घायल हो गए थे।

सीआरपीएफ जवान का कत्ल
एक दिन ही गुजरा होगा कि 11 और 12 जून की रात को दो आतंकवादियों ने सीआरपीएफ के जवान कबीर दास का कत्ल कर दिया। कठुआ जिले के हीरानगर गांव में हुई इस घटना में एक नागरिक घायल भी हुआ था। यह गांव पाकिस्तान और भारत की सीमा के नजदीक है।

पुलिस पार्टी पर आतंकी हमला
अगले ही दिन 12 जून को आतंकियों ने डोडा जिले के कोटा टोप इलाके में पुलिस पार्टी पर हमला कर दिया था। इस अटैक में हेड कॉन्स्टेबल फरीद अहमद जख्मी हो गए थे।

तीन आतंकवादियों मुठभेड़ में मारे गए
सुरक्षा बलों की 26 जून को डोडा के गंदोह इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ हुई थी। इसमें सुरक्षा बलों ने तीन आतंकवादियों को मार गिराया था।

सुरक्षा चौकी पर 7 जुलाई को हमला
राजौरी जिले के मंजाकोट इलाके में आतंकियों ने सुरक्षा चौकी पर हमला बोल दिया था। इसमें सेना का एक जवान घायल हो गया था।

जेसीओ समेत 5 सैनिक 8 जुलाई को शहीद
8 जुलाई को एक जेसीओ समेत 5 सैनिक शहीद हो गए थे। आतंकवादियों ने झाड़ी में छिपकर हमला बोला था। इस भीषण हमले को कठुआ जिले के बडनोटा में अंजाम दिया गया था।

डोडा में आज फिर भीषण आतंकी हमला
भीषण हमले को हुए करीब एक सप्ताह का वक्त ही बीता था कि डोडा जिले के डेसा में आतंकवादियों ने 16 जुलाई को हमला बोल दिया। इस अटैक में एक सेना का अफसर और तीन सैनिक मारे गए।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button