उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में आईएएस देवी शरण उपाध्याय निलंबित, अलीगढ़ से जुड़ा है पूरा मामला

अलीगढ़

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आईएएस अधिकारी देवी शरण उपाध्याय के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर दी है. सीएम योगी ने आईएएस अधिकारी देवी शरण उपाध्याय को सस्पेंड कर दिया है.

बता दें कि आईएएस अधिकारी के खिलाफ ये कार्रवाई पट्टों के आवंटन में गड़बड़ी सामने आने के बाद की गई है. दरअसल अलीगड़ में पट्टों के आवंटन में गड़बड़ी सामने आई थी. मामले में आईएएस अधिकारी देवी शरण उपाध्याय का नाम सामने आया था. ऐसे में अब खुद मुख्यमंत्री योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं और आईएएस अधिकारी को सस्पेंड कर दिया है.

बता दें कि आईएएस अधिकारी के खिलाफ आरोप हैं कि उन्होंने जमीनों के पट्टे के मामले में गलत तरीके से आदेश दिए थे. अब इसी को लेकर सीएम योगी ने देवी शरण उपाध्याय के खिलाफ ये कार्रवाई की है.

बता दें कि अलीगढ़ के मंडलायुक्त ने देवी शरण उपाध्याय के खिलाफ शिकायत की थी। इसके बाद नियुक्ति विभाग ने उन्हें प्रतीक्षारत कर दिया था। हालांकि, बाद में सीएम योगी ने उन्हें निलंबित करने का आदेश दिया। इस मामले की जांच के लिए एक हाई लेवल कमेटी बनाई गई है। फिलहाल निलंबन अवधि में वह राजस्व परिषद से संबद्ध रहेंगे।

इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा अन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जा चुकी है। सीएम योगी ने आईपीएस अधिकारी हिमांशु कुमार को एक विवादित पोस्ट के बाद निलंबित किया था। इसके अलावा आईपीएस अधिकारी सुभाष चंद्र दुबे को भी सस्पेंड किया जा चुका है। वहीं, आईपीएस वैभव कृष्ण, आईपीएस अधिकारी पवन कुमार पर भी गाज गिर चुकी है।

कौन हैं IAS देवीशरण उपाध्याय?

उत्तर प्रदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार,  IAS देवीशरण उपाध्याय 2012 बच के अधिकारी हैं. वह मूल रूप से महराजगंज के रहने वाल हैं. 1965 में जन्मे देवीशरण उपाध्याय ने एमए तक की पढ़ाई की है.

आखिर क्या है पूरा मामला?

दरअसल, देवी शरण उपाध्याय पर आरोप हैं कि उन्होंने मनमाने ढ़ंग से जमीन पट्टों को आवंटित किया। जिसकी शिकायत अलीगढ़ के मंडलायुक्त ने उच्च अधिकारियों से की। शिकायत मिलने के बाद नियुक्ति विभाग ने 13 जुलाई को उन्हें प्रतीक्षारत कर दिया। अब सीएम योगी के आदेश पर मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति भी गठित की गई है।

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