राजस्थान की अजमेर दरगाह के बाहर लगाए ‘सर तन से जुदा’ के भड़काऊ नारे लगाने वाले बरी
अजमेर.
अजमेर के बहुचर्चित सिर तन से जुदा केस में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए बरी कर दिया है। कोर्ट इस मामले में आगामी 12 जुलाई को अपना फैसला सुनाने वाली थी। लेकिन मजिस्ट्रेट के अवकाश पर होने के बाद आज न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया है। मामले में अजमेर के ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के खादिम गौहर चिश्ती समेत पांच आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में लंबे समय से सुनवाई चल रही थी।
मामले में मुख्य आरोपी गौहर चिश्ती सहित सभी आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच न्यायालय में लाया गया, जहां आज अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या 4 की न्यायाधीश रितु मीणा ने फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपी गौहर चिश्ती सहित अन्य सभी आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया। आरोपियों के वकील अजय वर्मा ने बताया कि न्यायालय ने किसी भी साक्ष्य को न्यायालय ने नहीं माना और आरोपियों को बरी करते हुए अपना फैसला सुनाया है। वहीं, अपर लोक अभियोजक गुलाम नजमी फारूकी ने बताया कि मामले को लेकर व पूरी कार्रवाई का अवलोकन करेंगे, उसके बाद वह उच्च न्यायालय में अपील दायर करेंगे।
यह था मामला?
अपर लोक अभियोजक गुलाम नजमी फारूकी ने बताया कि 17 जून 2022 को अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के मुख्य निजाम गेट पर सिर तन से जुदा के नारे लगाए गए थे। मामले में कॉन्स्टेबल जयनारायण जाट ने दी रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें उसने बताया था कि 17 जून को दोपहर तीन बजे उसकी ड्यूटी निजाम गेट पर थी। इसी दौरान कुछ खादिमों द्वारा गेट पर पूर्व से निर्धारित मौन जुलूस की शर्तों का उल्लंघन करते हुए वहां भाषण दिया। इसके लिए रिक्शे पर लाउड स्पीकर लगाया। कॉन्स्टेबल ने रिपोर्ट में बताया कि इस दौरान 2500-3000 व्यक्तियों की भीड़ दरगाह के सामने थी, जबकि गौहर चिश्ती को पूर्व में समझाइश दी गई थी। इसी दौरान भड़काऊ भाषण के साथ नारेबाजी की गई। ऐसे में उस पर धार्मिक स्थल से हिंसा के लिए भीड़ को उकसाने और हत्या की अपील करने पर मामला दर्ज किया गया था। इस घटना के बाद 28 जून को उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल हत्याकांड सामने आया था, इस हत्याकांड में भी आरोपियों ने भी वायरल वीडियो में सिर तन से जुदा के नारे लगाए थे। आतंकी सोच के साथ दोनो हत्यारों ने टेलर कन्हैयालाल साहू की चाकू से गला रेतकर बेरहमी से हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड से पूरे देश में सनसनी फैल गई थी। हालांकि, हत्यारों को पुलिस ने चंद घंटे में गिरफ्तार कर लिया गया था। लेकिन इससे पहले उन्होंने इस हत्याकांड का लाइव वीडियो सोशल मीडिया में वायरल कर दिया था।
इनको किया था गिरफ्तार
पुलिस ने इस मामले अजमेर के रहने वाले चार आरोपियों ताजिम सिद्धिकी (31) पुत्र नईम खान, फखर जमाली (42) पुत्र सैयद मोहम्मद जुबेर जमाली, रियाज हसन दल (47) पुत्र हसन और मोईन खान (48) पुत्र स्व. शमशूदीन खान, नासिर खान (45) को गिरफ्तार किया था। इसके बाद फरार आरोपी गौहर चिश्ती व शरण देने वाला अहसानुल्लाह को पुलिस ने हैदराबाद से गिरफ्तार किया था।
कोर्ट में 22 गवाह और 32 दस्तावेज किए पेश
आज इस मामले में न्यायाधीश ने अपना फैसला सुनाया। यह सुनवाई अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या 4 में हुई, सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से 22 गवाह, 32 दस्तावेज और 20 आर्टिकल पेश किए गए। सभी की निगाहें इस फैसले पर टिकी थी, जिसके बाद आज न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया।