धर्म/ज्योतिषमध्यप्रदेश

विंध्य का सबसे बड़ा रावण सतना के मैत्री पार्क मैदान में जलेगा

मंहगाई ने तोड़ी कमर, पुतलों का निर्माण करने वाले मजदूर परेशान

Realindianews.com
भोपाल। विंध्य के सतना शहर में विजयादशमी के पर्व असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक दशानन का पुतला स्थानीय मैत्री पार्क मैदान में फूंका जायेगा। मैत्री पार्क में फूंके जाने वाले रावण के बारे में माना जा रहा है कि यह विंध्य क्षेत्र का सबसे बड़ा पुतला होगा। इस पुतले को सात कलाकार मिल कर बना रहे हैं। फिलहाल दशानन के इस विशाल पुतले को स्थानीय डालीबाबा मैदान में बनाया जा रहा है। 50 फिट के रावण का विशालकाय पुतला लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

दो अलग-अलग स्थानों पर फूंके जायेंगे रावण के पुतले
शहर में दो रावण के पुतलों का अलग-अलग स्थान पर दहन होगा। श्री बिहारी रामलीला समाज द्वारा हर साल दादा सुखेन्द्र सिंह स्टेडियम के बाहर रावण दहन होता था परंतु इस वर्ष प्रशासन ने कलेक्ट्रेट के पीछे स्थित मैदान में दशानन को फूंकने की तैयारी कर ली है। इस दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। कार्यक्रम स्थल को समतल बनाया जा रहा है।

आतिशबाजी से भरपूर रहेगा रावण दहन
रावण का पुतला बनाने में नि:शुल्क सेवाएं दे रहे सुरेश सेन ने बताया कि हर वर्ष हम कुछ नया करने का लक्ष्य लेकर रावण का पुतला बनाते आ रहे हैं। इस परंपरा को कायम रखते हुए दशानन के दहन पर होने वाली आतिशबाजी को नया रूप दिया गया है। यह आतिशबाजी शहर के लोगों को याद रहेगी।

30 बिहारी रामलीला समाज का रावण 30 फिट का
श्री बिहारी रामलीला समाज द्वारा दशहरे के दिन प्रभु श्रीराम रावण युद्ध के बाद जलने वाला रावण 30 फिट का होगा। इस संबंध में सभी तैयारियां की जा चुकी है। श्री बिहारी रामलीला समाज का दशानन भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहेगा। मंहगाई की मार के चलते श्री बिहारी रामलीला समाज के दशानन की लंबाई घटती जा रही है। इस वर्ष बीतेे सालों की तुलना में पांच फिट कम होगा। बनाने वाले कारीगरों ने बताया कि इस वर्ष 30 फिट के पुतले का निर्माण शुरु हो चुका है। पिछले वर्ष 35 फिट रखी गई थी।

रावण पर होगा दस तीरों से वार
पुतले का निर्माण करने वाले कारीगर ने बताया कि प्रभु श्री राम दशानन से युद्ध के दौरान दस बाणों से वार करेंगे। खास बात यह है कि दसों बाण चलने के दौरान अलग-अलग 10 प्रकार की आतिश बाजी दर्शकों को देखने को मिलेगी। साथ ही रावण के पुतले में जो भी पटाखे लगाए जाएंगे वे सभी प्रदूषण से मुक्त होंगे जिससे रावण दहन के बाद प्रदूषण भी न फैल सके।

मंहगाई की मार ने रावण की मौत को भी मारा
जहां मंहगाई की मार के चलते श्री बिहारी रामलीला समाज प्रति वर्ष रावण के प्रतीकात्मक पुतले को पांच फिट घटाता जा रहा है। वहीं इसे बनाने वाले कलाकारों के लिए पर्याप्त राशि न मिलना समस्या का कारण बनता जा रहा है। इस कार्य में लगे कलाकारों का कहना है कि मंहगाई की मार के चलते दशानन के निर्माण मे लगने वाली सामग्री में कटौती की जाने की मजबूरी हो जाती है। जो रावण का पुतला पहले 15 से 20 हजार में बन जाता था। अब उसकी लागत मंहगाई के चलते 50 से 60 हजार तक पहुंच चुकी है।

जीएसटी ने मंहगाई को और पंख लगा दिये
कारीगर सुरेश सेन ने बताया कि रावण के पुतले के निर्माण में लगने वाली वस्तुओं के दामों में 28 फीसदी तक बढ़ोत्तरी हो चुकी है। इसी प्रकार आतिशबाजी के लिए उपयोग किये जाने वाले पटाखों पर 28 प्रतिशत जीएसटी ने मंहगाई को और पंख लगा दिये हैें। कुल मिला कर पुतला निर्माण में लगने वाला सारा सामान मंहगा हो गया है, और रामलीला समितियां अब इन सब में कटौती करने लगी हैं।

कारीगर दे रहे नि:शुल्क सेवा
कलेक्ट्रेट के पीछे एवं डालीबाबा आश्रम के पीछे बनाये जा रहे रावण के पुतले को तैयार करने में लगे कारीगर रोजाना तकरीबन 12 घंटे का समय दे रहे हैं। सभी के सभी कारीगर इसका कोई शुल्क नहीं लेते। निशुल्क सेवा देने के पीछे कारण पूछने पर कारीगर सुरेश बताते हैं कि इस कार्य में सेवा देने से उन्हें तथा उनके साथियों को सुकून मिलता है। इसलिए कभी भी इस कार्य में पैसा आड़े नहीं आता। लिहाजा इस कार्य में कारीगर सुरेश सेन के निर्देशन में निखिल गुप्ता, मुकेश चौधरी, राघव सेन समेत कई लोग पूरे उत्साह के साथ दशानन के पुतले को भव्य एवं आकर्षक रूप देने में लगे हुए हैं।

डाली बाबा रामलीला समाज का दशानन बनाने में इनका उल्लेखनीय योगदान
डालीबाबा रामलीला समाज के पूज्य संत पियूष जी महाराज के निर्देशन में डालीबाबा स्थित आश्रम के पीछे पचास फुट ऊंचे रावण के पुतले का निर्माण करने रज्जन विश्वकर्मा परमेश्वर दीन, सागर विश्वकर्मा, स्वयं विश्वकर्मा, सम्राट विश्वकर्मा, राजू विश्वकर्मा, दिनेश कुशवाहा उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं।

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