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जम्मू-कश्मीर में हर साल शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता था, लेकिन इस साल ऐसा नहीं हुआ : महबूबा मुफ्ती

जम्मू कश्मीर
जम्मू-कश्मीर में हर साल 13 जुलाई को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता था, लेकिन इस साल ऐसा नहीं हुआ। महबूबा मुफ्ती समेत कई नेताओं ने खुद को अपने ही घर में नजरबंद करने का दावा किया। इसी बीच जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक वीडियो संदेश जारी कर भाजपा को निशाने पर लिया है। बता दें कि, 1931 में 13 जुलाई को डोगरा शासक की सेना ने 22 कश्मीरियों को मार दिया था, उन्हीं की याद में हर साल शहीद दिवस मनाया जाता है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि आज का दिन हमारे शहीदों का दिन है, उन शहीदों का जिन्होंने हमें गुलामी की जंजीरों, तानाशाही से आजाद करने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी, ताकि जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र कायम हो। यही वजह है कि 1947 में मुस्लिम बहुमत होने के बावजूद हमने हिंदुस्तान का हाथ थाम लिया। यह सोचकर कि हम एक आजाद मुल्क में ज्यादा बेहतर तरीके से जिंदगी बसर कर सकते हैं। लेकिन अफसोस से कहना पड़ता है कि आज कश्मीरी यह सोचने को मजबूर हैं कि क्या उससे उस दिन फैसला करने में कोई चूक हो गई थी।

उन्होंने कहा, "आज के दिन जब हम अपने शहीदों को याद करना चाहते थे, उस दिन हमें घरों में बंद किया गया और एक ऐसा फरमान आया, जिससे यह पता चलता है कि जम्मू कश्मीर के लोगों को और ज्यादा कमजोर किया जा रहा है। 2019 में जम्मू कश्मीर के साथ जो किया गया, जिस तरह जम्मू कश्मीर को टुकड़ों में बंटा गया, हमारी पोजीशन को तार-तार किया गया, लोगों को पकड़कर जेलों में डाला गया और आज तक यह सिलसिला जारी है। छोटे-छोटे बहाने करके लोगों को नौकरियां से निकालना, घरों में छापे डालना, लोगों की प्रॉपर्टी को अटैच करना, बात करने की इजाजत न होना, प्रोटेस्ट करने की इजाजत नहीं देना। हमारी खामोशी से भी सरकार को डर लगता है। क्या वजह है कि आप हमारे शहीदों को भी याद करने नहीं देना चाहते।

पीडीपी नेता ने कहा, आज आपने एक अध्यादेश के जरिए जम्मू कश्मीर की पावरफुल असेंबली से सब कुछ उससे छीन लिया। ताकि, कल को जो भी सरकार जम्मू कश्मीर में बने, उसके पास कोई पावर न हो, अपना कोई मुलाजिम ट्रांसफर न कर सके। किसके खिलाफ एक्शन लेना है, किसके खिलाफ नहीं लेना है, वो पावर भी आप छीनकर आप चीफ सेक्रेटरी और लेफ्टिनेंट गवर्नर को देना चाहते हैं। उस लेफ्टिनेंट गवर्नर को, जो बाहर से आता है। आपको यहां के लोगों पर अगर भरोसा नहीं है, तो फिर क्यों रखा है यहां के लोगों को, आप तो दूसरे कश्मीर को अपने साथ मिलने की बात करते हो, आप लोगों ने तो इसी कश्मीर के लोगों का जीना हराम कर दिया। क्या यही वादा था गांधी का जम्मू कश्मीर के साथ? क्या यही वादा था जवाहरलाल नेहरू का जम्मू कश्मीर के साथ।

उन्होंने आगे कहा, "मैंने आपसे बार-बार कहती हूं, जम्मू कश्मीर एक लेबोरेटरी है, आज हमारे साथ होता है, वो कल आपके साथ भी होगा। आपने देखा 2019 में जब तीन पूर्व सीएम को बंद किया गया, उन पर पीएसए लगाया गया, तब आप लोग खामोश रहे। आज आपने देखा हेमंत सोरेन, केजरीवाल कब से जेल में है, क्या आज आप उनको छुड़ा पा रहे हैं? बेल होने के बाद भी वो जेल की सलाखों के पीछे हैं। तो आज अगर जम्मू कश्मीर में हमारे साथ ज्यादती हो रही है, तो कल आपके साथ भी होगी। आज कश्मीर के साथ हो रहा है, कल पंजाब के साथ होगा, महाराष्ट्र के साथ होगा। भाजपा को जहां लगेगा कि उनकी सरकार नहीं बनेगी, वहां वे ऐसे ही करेंगे। मैं गांधी के मुल्क के लोगों को अपील करना चाहती हूं कि कश्मीर को बचाइए। क्या आपको खाली जमीन चाहिए? अगर जमीन चाहिए, तो एक ही बार फैसला कर लीजिए, जमीन ले लीजिए और हमारा जो करना है वह कर लीजिए। इस तरह से हमें जलील करके आप क्या साबित करना चाहते हैं? मुझे उम्मीद है कि विपक्षी पार्टियां इस बार खामोश नहीं रहेंगी।

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