उत्तर प्रदेश

कुकरैल रिवरफ्रंट के दायरे में आ रहे 1000 मकानों पर चलेगा बुलडोजर, लोग कर रहे विरोध

लखनऊ

लखनऊ के कुकरैल रिवरफ्रंट के दायरे में रहीमनगर, खुर्रमनगर, इंद्रप्रस्थनगर, पंतनगर व अबरारनगर के करीब एक हजार मकान आएंगे। वन विभाग की जमीन के समानांतर करीब 2 किमी की पट्टी में चल रहा सिंचाई विभाग का सर्वे बुधवार को पूरा हो गया। मकानों को चिह्नित कर उनपर लाल निशान लगा दिए गए। इन मकानों पर अब बुलडोजर चलेंगे। चिह्नित अवैध मकानों के मालिकों का लखनऊ विकास प्राधिकरण ब्योरा दर्ज करेगा।

सिंचाई विभाग ने सोमवार से ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) की मदद से सर्वे शुरू किया था। बुधवार सुबह 11 बजे प्रशासन की संयुक्त टीम को लाल निशान लगाने एवं जमीन की नापजोख करने के दौरान विरोध-प्रदर्शन किया। हर मोहल्ले में लोग घरों के सामने खड़े होकर कार्रवाई पर अपना विरोध जताया। हालांकि, पुलिस फोर्स अधिक होने के कारण आक्रोशित लोग टीम के काम में कोई अवरोध पैदा नहीं कर सके। दोपहर करीब तीन बजे सिंचाई विभाग की टीम चिह्नित क्षेत्र को एलडीए को सौंप वापस लौट गई।

कुकरैल नदी की धारा से 50 मीटर के दायरे में आने वाले मकान टूटेंगे
सर्वे टीम के सदस्यों ने बताया कि अकबरनगर के बाद अब रहीमनगर से कुकरैल नदी की धारा के 50 मीटर के दायरे में बायीं ओर जितने भी मकान आएंगे, वे तोड़े जाएंगे। नदी के किनारे-किनारे दो किमी के दायरे में यह कार्रवाई होगी। टीम का अनुमान है कि करीब 1000 मकानों पर बुलडोजर चलेगा।

एलडीए के सर्वे के लिए पांच टीमों का गठन होगा
सिंचाई विभाग का सर्वे पूरा होने के बाद बृहस्पतिवार से एलडीए टीम अवैध निर्माण वाले मकानों का सर्वे शुरू कर रहा है। इस सर्वे के दौरान एक-एक मकान के मालिक का नाम और उसके परिवार के सदस्यों का नाम सहित ब्योरा दर्ज होगा। इसके लिए पांच टीमों का गठन होगा। टीम में प्रशासन व नगर निगम के अधिकारी भी सदस्य होंगे।

मकान खाली करने के लिए जारी होगा नोटिस
सर्वे पूरा होने के बाद एलडीए अवैध निर्माण करने वालों को नोटिस जारी करेगा। नोटिस में दी गई मियाद तक अवैध निर्माण को खुद नहीं तोड़ने पर उनको एलडीए ध्वस्त कराएगा।

सर्वे के खिलाफ लोग लामबंद, कहा-नहीं तोड़ने देंगे मकान
रहीमनगर, खुर्रमनगर, इंद्रप्रस्थनगर, पंतनगर, अबरारनगर में मकानों पर लाल निशान लगाए जाने के विरोध में वहां के निवासी लामबंद हो गए हैं। लोगों ने संघर्ष समिति का गठन किया है। संघर्ष समिति की बैठक में तय हुआ कि वे अपनी लड़ाई मजबूती से लड़ेंगे। यह भी तय किया गया कि मकान को तोड़ने नहीं दिया जाएगा। यह बैठक शाम 5 बजे तक चली। बुधवार दोपहर सपा विधायक एवं पार्षद मुकेश सिंह चौहान भी इंद्रप्रस्थनगर में उनके बीच पहुंचे। लोगों ने कहा, जिस जमीन पर मकान बने हैं उसकी उन्होंने रजिस्ट्री कराई और दाखिल खारिज भी कराया है। ऐसे में उनके मकान अवैध कैसे हैं?

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