उत्तर प्रदेश

मूंढापांडे गोलीकांड: शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं, अब दो दरोगा और सिपाहियों को किया निलंबित

मुरादाबाद

मुरादाबाद के मूंढापांडे में घर में घुसकर युवतियों को अगवा करने और विरोध पर गोली चलाने के आरोपी मुस्लिम का दुस्साहस पुलिस की लापरवाही का नतीजा है। पीड़ित परिवार ने मुरादाबाद से लेकर संभल की पुलिस से आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई, लेकिन पुलिस ने हर स्तर पर इस मामले में लापरवाही की।

मूंढापांडे के गांव निवासी फर्म कर्मी ने बताया कि आरोपी उसकी बेटी को लंबे समय से परेशान कर रहा था। पिता ने बेटी को भोजपुर क्षेत्र के गांव में अपनी बहन के घर भेज दिया था। यहां से आरोपी 14 मई 2023 को उसे अगवा कर ले गया था। इस मामले की शिकायत पुलिस से की गई थी, लेकिन पुलिस ने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी।

कई दिन बाद युवती बरामद हुई थी। 18 जुलाई 2023 को युवती की शादी संभल के गांव में कर दी थी। जब भी युवती मायके आती थी। आरोपी घर के आसपास ही घूमता रहता था। फर्म कर्मी और उसकी पत्नी दो सितंबर 2023 में दवा लेकर घर लौट रहे थे। रास्ते में आरोपी मिल गया था।

उसने दंपती के साथ  मारपीट की थी। आरोपी ने दोनों के हाथ पैर बांधकर जंगल में डाल दिया था। राहगीरों ने दोनों को बंधन मुक्त किया था। आरोपी मुस्लिम फर्म कर्मी की पत्नी के जेवर भी ले गया था। इस मामले की शिकायत मूंढापांडे थाने में की गई थी। तब पुलिस ने 151 में आरोपी का चालान कर दिया था।

विवाहिता के ससुराल पहुंचा गया था आरोपी
उस वक्त थाना प्रभारी दीपक मलिक थे। पीड़ित का कहना है कि इस मामले की शिकायत पुलिस अफसरों से की गई थी, लेकिन प्रार्थना पत्र जांच के लिए वापस थाने ही भेज दिया गया था। 4 मार्च 24 को आरोपी युवती को उसकी ससुराल से अगवा कर ले गया था। एक माह बाद पुलिस ने युवती को राजस्थान से बरामद किया था।

संभल के बहजोई में केस दर्ज किया गया था। संभल पुलिस के स्तर से भी लापरवाही बरती गई। आरोपी गिरफ्तार नहीं किए गए और उन्हें गिरफ्तारी पर स्टे लेने का पूरा मौका दिया गया। इतना नहीं, दरोगा दिनेश कुमार ने गिरफ्तारी के लिए 25 हजार रुपये भी लिए थे।

डीआईजी के आदेश पर जांच शुरू हुई
डीआईजी के आदेश पर इस मामले की जांच शुरू हुई तो मूंढापांडे थाने के प्रभारी शैलेंद्र कुमार, तत्कालीन थाना प्रभारी दीपक मलिक, बहजोई थाने के प्रभारी सतेंद्र पंवार और बहजोई थाने में तैनात विवेचक दिनेश कुमार की लापरवाही सामने आ चुकी है। चार पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई हो चुकी है। इस मामले की जांच जारी है। कुछ और पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों पर भी जांच की आंच आ सकती है।

पांच टीमें तलाश में लगीं
मामला दो समुदाय से जुड़ा होने के कारण गांव में पुलिस के अलावा पीएसी तैनात कर दी गई है। पांच टीमें भी तलाश में लगाई गईं हैं। इसके अलावा अधिकारी भी गांव पहुंचकर जायजा ले रहे हैं। गांव में तैनात पुलिस कर्मियों से फोन पर भी जानकारी ले रहे हैं। गांव के लोगों में पुलिस के आवाजाही से दहशत का माहौल बना हुआ है।

लापरवाही बरतने वाले तत्कालीन थाना प्रभारी का रामपुर हो चुका है ट्रांसफर
अब तक इस मामले में चार पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की जा चुकी है। बुधवार रात करीब तीन बजे गोलीकांड हुआ था, लेकिन मूंढापांडे के थाना प्रभारी करीब चार घंटे देरी से घटना स्थल पर पहुंचे। इसके अलावा तत्कालीन थाना प्रभारी दीपक मलिक के सामने भी युवती का पिता शिकायत लेकर पहुंचा था। तब मुख्य आरोपी और उसके परिवार के लोगों ने मारपीट की थी, लेकिन पुलिस ने 151 में कार्रवाई की थी।

थाने में नहीं हुई सुनवाई
इसके बाद थाना प्रभारी का ट्रांसफर रामपुर हो गया था। पीड़ित फर्म कर्मी का आरोप है कि उसने मूंढापांडे में तैनात कई दरोगा और पुलिसकर्मियों से भी शिकायत की थी, लेकिन सभी ने उसे टकरा दिया था। जबकि आरोपी क्षेत्र में ही घूमता रहता था। चार मार्च को आरोपी युवती को उसकी ससुराल पवांसा से अगवा कर ले गया था। मामले में केस दर्ज होने के बाद भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया था।

ये घटना केवल पीड़ित के खिलाफ नहीं यह स्टेट के खिलाफ है। इस मामले में किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। आरोपियों ने ग्राम समाज की जमीन पर अवैध कब्जा कर मकान का निर्माण कराया था। टीम ने मकान ढहाने की कार्रवाई की है। – सतपाल अंतिल, एसएसपी

 

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