खेल-जगत

कभी नहीं सोचा था कि उन्हें आधा दर्जन कप्तानों के साथ काम करना पड़ेगा: राहुल द्रविड़

मुंबई
भारत के टी20 विश्व कप के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका पर जीत के साथ ही द्रविड़ का मुख्य कोच का कार्यकाल भी समाप्त हो गया। द्रविड़ ने बीसीसीआई द्वारा जारी किए गए वीडियो में कहा कि मैं वास्तव में ऐसा व्यक्ति हूं जिसे निरंतरता पसंद है। मुझे बहुत अधिक काट छांट और बदलाव करना पसंद नहीं है। क्योंकि मेरा मानना ​​है कि इससे बहुत अस्थिरता पैदा होती है और बहुत अच्छा माहौल नहीं बनता। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि मैं उस टीम का हिस्सा हूं जिसकी जिम्मेदारी सही पेशेवर, सुरक्षित, संरक्षित वातावरण बनाना है जिसमें वास्तव में असफलता का डर न हो, लेकिन लोगों को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त चुनौतियां हों। यह हमेशा मेरा प्रयास रहा है।

द्रविड़ ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद जब खिलाड़ी बाहर आए तो वह मुश्किल दौर था तथा उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें आधा दर्जन कप्तानों के साथ काम करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मेरे कोच बनने के शुरुआती दौर में हम कोविड के प्रतिबंधों से बाहर निकल रहे थे। हमें तीनों प्रारूप में कार्यभार का प्रबंध करना था। कुछ खिलाड़ी चोटिल थे और इस कारण मुझे 8-10 महीने में पांच-छह कप्तानों के साथ काम करना पड़ा। द्रविड़ ने कहा कि यह कुछ ऐसा था जिसकी मैंने कल्पना नहीं की थी या इसके बारे में मैंने सोचा भी नहीं था लेकिन यह स्वाभाविक तौर पर हो गया।

द्रविड़ के कोच रहते हुए भारत ने इंग्लैंड को पांच टेस्ट मैच की श्रृंखला में हराया और टीम वनडे विश्व कप के फाइनल में पहुंची। उन्होंने कहा कि कोविड की पाबंदियां हटने के बाद सकारात्मक बात यह रही कि हमने काफी क्रिकेट खेली। पिछले ढाई वर्षो में हमने विशेषकर सीमित ओवरों की क्रिकेट में कई युवा खिलाड़ियों को मौका दिया। पिछले कुछ समय में हमने टेस्ट क्रिकेट में भी कुछ युवा खिलाड़ियों को अवसर दिया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button