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भारत का रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड रुपए के रिकार्ड स्तर पर पहुंचा, पीएम मोदी ने जताई खुशी

नई दिल्ली

भारत का वार्षिक रक्षा उत्पादन वर्ष 2023.. 24 में 1 . 27 लाख करोड रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।रक्षा मंत्रालय के अनुसार रक्षा उत्पादन में पिछले वर्ष की तुलना में 16.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह वर्ष 2019-20 की तुलना में 60 प्रतिशत की वृद्धि है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में इस उपलब्धि पर कहा है कि सरकार भारत को अग्रणी वैश्विक रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि रक्षा क्षेत्र के सभी सार्वजनिक उपक्रमों , रक्षा वस्तुओं का निर्माण करने वाले अन्य सार्वजनिक उपक्रमों और निजी कंपनियों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, देश में रक्षा उत्पादन का मूल्य रिकॉर्ड-उच्च आंकड़े यानी 1,26,887 करोड़ रुपये तक बढ़ गया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष के रक्षा उत्पादन की तुलना में 16.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। वित्त वर्ष 2022-23 में रक्षा उत्पादन का मूल्य 1,08,684 करोड़ रुपये था।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा मंत्री द्वारा दी गई इस जानकारी पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने राजनाथ सिंह के पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए लिखा, ''बहुत उत्साहजनक विकास। इस उपलब्धि में योगदान देने वाले सभी लोगों को बधाई। हम अपनी क्षमताओं को और बढ़ाने और भारत को एक अग्रणी वैश्विक रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए एक बेहतरीन वातावरण तैयार करने के साथ इसको समग्र प्रयास के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। यह हमारे सुरक्षा तंत्र को मजबूत करेगा और हमें आत्मनिर्भर बनाएगा।''

स्वदेशी रक्षा उत्पादन में अब तक की सबसे अधिक वृद्धि

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने पोस्ट में लिखा कि रक्षा मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार की नीतियों और पहलों के सफल कार्यान्वयन के आधार पर वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान मूल्य के संदर्भ में स्वदेशी रक्षा उत्पादन में अब तक की सबसे अधिक वृद्धि हासिल की है, जिसका उद्देश्य ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करना है। रक्षा क्षेत्र के सभी सार्वजनिक उपक्रमों (डीपीएसयू), रक्षा सामानों का निर्माण करने वाले दूसरे सार्वजनिक उपक्रमों और निजी कंपनियों से हासिल आंकड़ों के मुताबिक, देश में रक्षा उत्पादन का मूल्य 1,26,887 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह पिछले वित्तीय वर्ष के रक्षा उत्पादन की तुलना में 16.7% की वृद्धि को दर्शाता है। वित्त वर्ष 2022-23 में रक्षा उत्पादन का मूल्य 1,08,684 करोड़ रुपये था।

श्री सिंह ने कहा कि 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम साल-दर-साल नए मील के पत्थर पार कर रहा है। उन्होंने भारत को एक अग्रणी वैश्विक रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित करने के सरकार के अटूट संकल्प को दोहराया।

वर्ष 2023-24 में उत्पादन के कुल मूल्य में, लगभग 79.2 प्रतिशत का योगदान सरकारी और 20.8 प्रतिशत निजी क्षेत्र द्वारा किया गया है। आंकड़ों से पता चलता है कि पूर्ण मूल्य के संदर्भ में सरकारी और निजी क्षेत्र दोनों ने रक्षा उत्पादन में लगातार वृद्धि दर्ज की है। उन्होंने रक्षा उत्पादन को सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर ले जाने के लिए रक्षा वस्तुओं का निर्माण करने वाले सार्वजनिक उपक्रमों और निजी उद्योग सहित उद्योग को बधाई दी।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार आत्मनिर्भरता पर ध्यान देने के साथ पिछले 10 वर्षों में सरकार द्वारा लाए गए नीतिगत सुधारों/पहलों और व्यापार करने में आसानी के कारण यह उपलब्धि हासिल की गई है। स्वदेशीकरण के प्रयासों को निरंतर आधार पर आक्रामक तरीके से आगे बढ़ाया गया है।

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