बिहार में बाढ़ का स्थायी समाधान निकालने की पहल शुरू
पटना
बिहार में बाढ़ का स्थायी समाधान निकालने की पहल शुरू हो गई है। जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि एनडीए की डबल इंजन की सरकार उत्तर बिहार में हर साल बाढ़ के रूप में आने वाली आपदा को अवसर में तब्दील करेगी।
जदयू के राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा ने इसकी पूरी जानकारी सोशल मीडिया के जरिए शेयर की है। उन्होंने बताया कि बिहार के विकास तथा उत्तर बिहार में बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से संसद भवन स्थित उनके कक्ष में मुलाकात की, जो काफी सार्थक रही।
उन्होंने बताया कि वित्त मंत्री ने उनकी बातों को गंभीरता से सुना और उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। इस बैठक में केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देबमुखर्जी के अलावा वित्त, विदेश और जल शक्ति मंत्रालय के कुछ वरीय अधिकारी भी शामिल हुए। इस महत्वपूर्ण मीटिंग में उत्तर बिहार में बाढ़ के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से बेहतर जल प्रबंधन का एक विस्तृत खाका तैयार करने के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हुई।
झा ने अपने पोस्ट में लिखा, "बैठक में मैंने विस्तार से बताया कि नेपाल से आने वाली नदियों में बाढ़ उत्तर बिहार के विकास की राह में कितनी बड़ी बाधा है। साथ ही, बाढ़ से जानमाल की सुरक्षा के कार्यों, राहत एवं पुनर्वास के उपायों में बिहार सरकार को हर साल बड़ी राशि खर्च करनी पड़ती है, जिससे राज्य का विकास प्रभावित होता है। बिहार के जल संसाधन मंत्री के रूप में काम करने के अपने अनुभवों के आधार पर मैंने इसके समाधान के लिए कई सुझाव भी दिये और सभी ने मेरे सुझावों को गंभीरता से सुना।"
झा ने बताया कि बैठक में तय किया गया कि एक उच्चस्तरीय समिति उत्तर बिहार की विभिन्न नदियों के जल के बेहतर प्रबंधन के लिए नये बराज एवं अन्य संरचनाओं के निर्माण की संभावनाओं का पता लगाएगी। केंद्रीय जल आयोग द्वारा पांच सदस्यीय समिति का गठन भी कर दिया गया। समिति में लोअर गंगा बेसिन ऑर्गेनाइजेशन, पटना के मुख्य अभियंता अंबरीश नायक को चेयरमैन, गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग के डायरेक्टर संजीव कुमार, केंद्रीय जल आयोग के तहत बीसीडी के डायरेक्टर एस के शर्मा और जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार के प्रतिनिधि को सदस्य जबकि एलजीबीओ के सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर को सदस्य सचिव बनाया गया है।
इस समिति को अपनी एक प्रारंभिक रिपोर्ट जल्द ही सौंपनी है। उन्होंने कहा कि बाढ़ का दीर्घकालिक समाधान होने और अधिशेष नदी जल का सिंचाई में अधिकतम उपयोग होने पर संपूर्ण उत्तर बिहार में तेजी से विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।