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भोपाल। मध्य प्रदेश के सागर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सागर की पहचान लाखा बंजारा झील से भी है। इस धरती से लाखा बंजारा जैसे वीर का नाम जुड़ा है। लाखा बंजारा की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए हम अमृत सरोवर बना रहे हैं। सागर ऐसा जिला है, जिसके नाम में तो सागर है ही, इसकी पहचान 400 एकड़ की लाखा बंजारा झील से भी होती है।
हर जिले में 75 अमृत सरोवर भी बनाए जा रहे
लाखा बंजारा ने इतने वर्ष पहले पानी की अहमियत को समझा था, लेकिन जिन लोगों ने दशकों तक देश में सरकारें चलाईं, उन्होंने गरीबों को पीने का पानी पहुंचाने तक की जरूरत तक नहीं समझी। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह काम भी जलजीवन मिशन के जरिए हमारी सरकार जोरों पर कर रही है। आज दलित बस्तियों, पिछड़े इलाकों, आदिवासी क्षेत्रों में पाइप से पानी पहुंच रहा है। ऐसे ही लाखा बंजारा की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए हर जिले में 75 अमृत सरोवर भी बनाए जा रहे हैं। ये सरोवर आजादी की भावना का प्रतीक ओर समाजिक समरसता का केंद्र बनेंगे।
लाखा बंजारा कौन थे
लाखा बंजारा की बात करें तो सागर के इतिहास में शहर के बीचों-बीच स्थित लाखा बंजारा झील का निर्माण बंजारों के सरदार लाखा बंजारा द्वारा करवाया गया था। उनका असली नाम लख्खी शाह था। वर्तमान में दिल्ली का राष्ट्रपति भवन और पुराना संसद भवन लख्खी शाह के पिता का ही बताया जाता है। दरअसल पंजाबी मूल के लख्खी शाह रुई के व्यापारी थे, जो देश भर में घूम-घूम कर रुई का कारोबार करते थे।