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मलिका गांव में भूस्खलन के कारण एक घर बह गया, भूस्खलन होने से नौ लोगों की हुई मौत, अब तक 35 जानें गईं

काठमांडू
पश्चिमी नेपाल में भारी मानसूनी बारिश की वजह से भूस्खलन होने से कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई। इनमें तीन बच्चे भी शामिल हैं। शनिवार को एक अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी है। राष्ट्रीय आपदा बचाव एवं न्यूनीकरण प्रबंधन प्राधिकरण के प्रवक्ता दीज़ान भट्टाराई के अनुसार, काठमांडू से लगभग 250 किलोमीटर (156 मील) पश्चिम में गुलमी जिले के मलिका गांव में भूस्खलन के कारण एक घर बह गया। उस वक्त घर में  परिवार के पांच सदस्य सो रहे थे जिनकी मौत हो गई।

भट्टराई ने रॉयटर्स को बताया, "पांचों के शव बरामद कर लिए गए हैं।" उन्होंने बताया कि इनमें दो बच्चे भी शामिल हैं। वहीं स्यांगजा जिले में भूस्खलन के कारण एक महिला और उसकी तीन साल की बेटी की मौत हो गई, जबकि गुलमी की सीमा से लगे बागलुंग जिले में भूस्खलन के कारण दो लोगों की मौत हो गई है। जून के मध्य से लेकर अब तक नेपाल में मानसून की बारिश की वजह से कम से कम 35 लोगों की भूस्खलन, बाढ़ और बिजली गिरने से मौत हो चुकी है। आमतौर पर सितंबर के मध्य तक बारिश जारी रहती है।

मानसून के मौसम में ज़्यादातर पहाड़ी नेपाल में भूस्खलन और अचानक बाढ़ आना आम बात हो गई है। इन हादसों में हर साल सैकड़ों लोगों की जान चली जाती है। संयुक्त राष्ट्र की फूड एंड एग्रीकल्चर आर्गेनाइजेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला देश है। 1950 से लेकर 2009 के बीच इस तरह के हादसों में यहां दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें हुई और क्लाइमेट चेंज की वजह से यह आंकड़ा हर साल बढ़ रहा है।

 

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