उत्तर प्रदेश

बरेली गोलीकांड के एक और आरोपी आदित्य उपाध्याय के दो मंजिला घर, लॉन पर चला बुलडोजर

बरेली

बरेली गोलीकांड के आरोपी राजीव राना के होटल आवास पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के बाद शहर में एक और एक्शन हुआ है। गोलीकांड के एक और आरोपी आदित्य उपाध्याय के दो मंजिला घर, लॉन और ऑफिस पर बुलडोजर चलाया गया। डोहरा रोड स्थित सांवरिया लान भी ध्वस्त बिथरी चैनपुर स्थित लॉन, दो मंजिला आवास और ऑफिस के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से हड़कंप मच गया। इस दौरान आदित्य उपाध्याय की रिटायर्ड इंस्पेक्टर मां मीरा और भाई मानवेंद्र दोनों ही मौके पर आए और ध्वस्तीकरण का विरोध करने लगे।  प्रशासनिक पुलिस और बीडीए अधिकारियों के बीच काफी नोकझोंक हुई नौबत हाथापाई तक आ गई ल। पुलिस ने महिलाओं और उनके बेटे को हिरासत में लेकर थाने ले गई। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल भी मौके पर मौजूद रहा। बतादें कि गोली चलाने वाले में मार्बल कारोबारी आदित्य और उसके बेटे को पहले ही भेज भेजा जा चुका है। गुरुवार को गोलीकांड के मास्टरमाइंड राजीव राणा के आलीशान होटल को भी बुलडोजर से तुड़वा दिया गया है। इसके बाद भी बीडीए और पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है।

गोलीकांड के मास्टरमाइंड का आलीशान होटल हुआ ध्वस्त
बरेली गोलीकांड के मास्टरमाइंड राजीव राणा पर गुरुवार को पुलिस और बीडीए ने बड़ी कार्रवाई की। बीडीए ने बुलडोजर से राजीव राणा का आलीशान होटल गिरा दिया। होटल गिराए जाने की खबर मिलते ही राजीव राणा पत्नी और बेटी के साथ मौके पर पहुंचा और उसने विरोध किया। हालांकि उसने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। इसके बाद पुलिस ने राजीव राणा को तुरंत गिरफ्तार कर लिया।

22 जून की सुबह की वो सुबह जिसने पुलिस-प्रशासन की नीदं हराम करके रख दी थी। सुबह-सुबह हुई गोलियों की तड़तड़ाहट ने आम लोगों के भी पसीने छुड़ा दिए। ये पूरी घटना पीलीभीत बाइपास पर प्लॉट पर कब्जे को लेकर घटी थी। प्लॉट पर कब्जे को लेकर ही प्रॉपर्टी डीलर राजीव राणा और आदित्य उपाध्याय के गुटों में जमकर फायरिंग हुई थी। बीच सड़क पर खुलेआम फायरिंग की घटना से शहर की कानून व्यवस्था पर सवाल उठे थे।

दिन दहाड़े फायरिंग मामले में पुलिस ने आदित्य उपाध्याय के चौकीदार रोहित की ओर से रिपोर्ट दर्ज की थी। इसमें भाजपा के पूर्व विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल, उनके नजदीकी प्रॉपर्टी डीलर राजीव राणा समेत 12 को नामजद किया गया, जबकि 150 हमलावर अज्ञात हैं। वहीं दरोगा राजीव प्रकाश की ओर से दर्ज एफआईआर में आठ नामजद हैं। इस मामले में अब तक 21 आरोपियों को जेल भेजा चुका है।  

 

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